श्रीमद् देवी भागवत कथा में देवी माँ की शाश्वत भक्ति से जुड़ने का दिया गया सन्देश

उत्तराखण्ड

देहरादून। आशुतोष महाराज (डीजेजेएस के संस्थापक एवं संचालक) के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा26 दिसंबर 2021 से 1 जनवरी 2022 तक सात दिवसीय डिजिटल श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा को डीजेजेएस के यूट्यूब चौनल पर वेबकास्ट किया गया। विश्व भर सेश्रद्धालुओं ने कथा कार्यक्रम का लाभ प्राप्त किया। देवी भागवत महापुराण के माध्यम से, कथाव्यास साध्वी अदिति भारती ने भक्तों के लिए मानव जीवन की महत्ता को स्पष्ट रूप से उजागर किया। उन्होंने कहा कि मानव की विकसित बुद्धि ने उसे सम्पूर्ण विश्व का सर्वोच्च प्राणी बनाया है। परंतु, वह श्रेष्ठ मार्गदर्शन में ही सकारात्मक दिशा में काम कर रचनात्मक प्रतिभा का निर्माण कर पाती है। पर अब अहम प्रश्न उठता है की वह श्रेष्ठ मार्गदर्शन क्या है? और कैसे प्राप्त किया जा सकता है? साध्वी जी ने ऐसे कई महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर दिये। हम सब जानते हैं की जब जब भी धर्म की हानी होती है, तब तब माँ भगवती अवतार धारण करती हैं। ऐसे में साध्वी जी ने इस जरूरी मुद्दे को भी उठाया की क्या इस दिव्यताका दर्शन किया जा सकता है? क्या आज भी देवी माँ को देखा जा सकता है? केवल प्रश्न ही नहीं उठाया बल्कि ग्रन्थों के आधार पर सटीक समाधान भी दिये। साध्वी जी ने स्पष्ट वर्णन करते हुए कहा कि हमारे ऋषियों और संतों ने देवी के वास्तविक रूप का अनुभव किया था। और यह सनातन पद्धति आज भी विद्यमान है। इस तकनीक को ब्रह्मज्ञान यानि दैवीय ज्ञान कहते हैं। यह ज्ञान केवल एक आध्यात्मिक गुरु ही प्रदान कर सकते हैं। साध्वी ने इस विषय पर भी प्रकाश डाला की ईश्वरीय ज्ञान होना क्यों आवश्यक है? जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है कि दिव्य मार्गदर्शन हेतु ब्रह्मज्ञान की अनिवार्यता है। ब्रह्मज्ञान के समान कोई अन्य ज्ञान नहीं है। ब्रह्मज्ञान के माध्यम से परमात्मा का साक्षात्कार करना ही वह विशेषता है जो मनुष्य को विशेष बनाता है। इसी कारण प्राचीन काल से संतों ने मानव जीवन को वह वरदान माना,जो जन्म और मृत्यु के चक्र को समाप्त करने के लिए माँ भगवती का अनुपम उपहार है। कथा समापन पर साध्वी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि माँ भगवती ने नाशवान वस्तुओं की आसक्ति त्याग, ब्रह्मज्ञान द्वारा मुक्ति की ओर बढ़ने को प्रेरित किया है। ब्रह्मज्ञान द्वाराहम उस दिव्य स्रोत का अनुभव कर सकते हैं जो पूरे ब्रह्मांड को बनाए रखता है, पोषण करता है और आगे बढ़ाता है। इसलिए,एक सुखी और सम्पन्न जीवन के लिएशीघ्र ही आध्यात्मिक यात्रा आरम्भ करेंऔर इस यात्रा में डीजेजेएस हमेशा जिज्ञासुओं को ईश्वरीय सत्य की ओर ले जाने हेतु प्रयासरत है।

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