सूफियों ने अपने जीवन की सादगी से हज़ारों को प्रभावित किया
हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का आपस में मेल जोल सूफियों के प्रयासों की देन है। बाबा फरीद और हज़रत निजामुद्दीन औलिया की ख़ानक़ाहों में योगियों और पंडितों का आना-जाना लगा रहता था। हज़रत अमीर खुसरौ ने हिन्दवी और फ़ारसी में कलाम लिखे, जो आज भी जनमानस के बीच प्रचलित हैं और गाये जाते हैं, सूफी […]
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