उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी

उत्तराखण्ड
  • कहीं भूस्खलन तो कहीं इलाके जलमग्न
  • मलबा आने से प्रदेश में 122 सड़कें बंद

देहरादून। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के पूर्वानुमान के अनुसार राजधानी देहरादून सहित गढ़वाल और कुमाऊं के कई जिलों में भारी बारिश जारी है, जिस कारण मैदानी इलाकों में जहां कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति देखने को मिल रही है। ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे के साथ कई ग्रामीण सड़कें जगह-जगह पर मलबा आने के कारण बंद पड़ी है। भारी बारिश को देखते हुए शासन और सभी जिलों के प्रशासन अलर्ट पर हैं। बारिश के कारण बंद सडकों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। चमोली जनपद में ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे बंद है। उत्तरकाशी में 8 ग्रामीण सड़कें, देहरादून जिले में एक हाइवे, दो राज्य मार्ग और एक मुख्य जिला मार्ग सहित 22 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। पौड़ी में दो राज्य मार्ग, एक जिला मार्ग और 13 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। अल्मोड़ा में 5 ग्रामीण सड़कें, चंपावत में 2 ग्रामीण सड़के, रुद्रप्रयाग में मयाली तिलवाड़ा राज्य मार्ग पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण 8 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। टिहरी में 5 ग्रामीण सड़कें, नैनीताल में 3 ग्रामीण सड़कें, बागेश्वर में 33 ग्रामीण सड़कें, पिथौरागढ़ में एक बॉर्डर सहित 14 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। तो उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जनपद में 11 केवी की लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण 12 गांव की बिजली आपूर्ति बाधित है। राजधानी देहरादून में भी भारी बारिश हुई। भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर सड़कें जलमग्न रहीं, जिस कारण लोगों को आवाजाही में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शहर में ड्रेनेज सिस्टम की उचित व्यवस्था न होने के कारण दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं। कोटद्वार में खो नदी, मालन नदी और सुखरौ नदी सुबह से ही उफान पर है। कोटद्वार के दो युवक आज सुबह सुखरौ नदी देखने गए, जिससे अचानक नदी में पानी बढ़ गया और दोनों युवक नदी के टापू में फंस गए। राहगीरों ने कोटद्वार थाने में सूचना दी। तत्काल ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और दोनों युवकों को रेस्क्यू कर सकुशल बचा लिया गया है। 108 की मदद से दोनों युवकों को बेस अस्पताल स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ले जाया गया है। श्रीनगर में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी पर बने जल विद्युत परियोजना की झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिस कारण श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के बैराज से पानी छोड़ना पड़ रहा है। लगातार पानी छोड़े जाने से अलकनंदा नदी विकराल रूप में बह रही है। नदी का जलस्तर डेंजर लेवल से 1 मीटर नीचे है। जो हरिद्वार, ऋषिकेश और यूपी के इलाकों के लिए खतरे की घंटी है। नदी के किनारों पुलिस की टीम लगातार गश्त कर लोगों को सावधान कर रही है। चमोली में बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है। जिले के नंदनगर ब्लॉक के घिंगराड़ गांव को जोड़ने वाला पुल चुफ्लागाड़ नदी के उफान के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। भारी बारिश से हुए नुकसान की सूचना के बाद प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। नेशनल हाईवे 534 पर भी दुगड्डा-आमसौड़ के बीच भारी बारिश के चलते मलबा आ गया है। मलबा आने की वजह से हाईवे अवरुद्ध हो गया है। ऋषिकेश में भारी बारिश की वजह से हरिद्वार ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग नदी में तब्दील हो गया है। सड़क पर बह रहे पानी की वजह से लंबा जाम भी लग गया। लोगों को पैदल चलने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऋषिकेश में हुई पहली बारिश में ड्रेनेज सिस्टम फेल हो गया है। सबसे बड़ी दिक्कत हरिद्वार रोड स्थित पुरानी चुंगी से लेकर कोयल घाटी डिग्री कॉलेज तक देखने को मिल रही है। जहां सड़क पर नदी बहते हुए दिखाई दे रही है। सड़क पर पानी और जाम की वजह से स्कूली बच्चों को छुट्टी के समय सबसे ज्यादा परेशान हुए। लक्ष्मण झूला रोड पर फुटकर सब्जी मंडी के पास भी जलभराव से काफी दिक्कतों का सामना करना पडा।

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