देहरादून। एशियन डेव्लपमेंट बैंक (एडीबी), एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) तथा क्लीन टेक्नॉलॉजी फ़ंड (सीटीएफ़) ने ग्रीनसेल एक्सप्रेस प्रा॰ लि॰ (जीईपीएल) के साथ मिल कर 255 एलेक्ट्रिक बैटरी से चलने वाली बसों (ई-बसों) को विकसित करने के एक 55 मिलियन डॉलर के आर्थिक पैकेज पर हस्ताक्षर किए हैं, जो साल में भारत भर में 56 अंतरनगरीय मार्गों पर 5 मिलियन लोगों को सेवाएँ देंगी, तथा बेहतर सुरक्षा फीचर्स, जिनमें कैमरे, ट्रैकिंग और पैनिक बटन जैसे फीचर शामिल हैं, जो तुरंत प्रतिकृया के लिए कमान कंट्रोल से जुड़े हुए होंगे, के चलते यात्रियों की, खास तौर पर महिलाओं की सुरक्षा में बढ़ोतरी करेंगी।
इसके अलावा, सीटीएफ़ से 325,000 डॉलर तथा गोल्डमैन सैक्स तथा ब्लूमबर्ग के जलवायु नवोत्पाद तथा विकास निधि (सीआईडीएफ़) से 5.2 मिलियन डॉलर का अनुदान भी हासिल किया है। सीआईडीएफ़ अनुदान सौर शक्ति के साथ बैटरी ऊर्जा के भंडारण की प्रणाली का विकास कर के 255 में से 100 ई-बसों के डिकार्बाेनाइज़ेशन में आंशिक रूप से आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। कुल मिला कर इस प्रोजेक्ट से साल भर में लगभग 15,000 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। “हमारे शहरों में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए परिवहन का विद्युतीकरण एक मुख्य कारक साबित हो सकता है। इस वित्तीय सहायता से भारत के जलवायु उद्देश्यों और दीर्घकालीन विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत में स्वच्छ और दीर्घकालीन कारोबारों में निवेश कर के उन्हें बढ़ावा देने का हमारा एजेंडा रफ्तार पकड़ेगा।” एवरसोर्स कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर तथा सीईओ धनपाल झवेरी ने कहा। सुमित मित्तल, सीओओ तथा डायरेक्टर दृ वित्त, ग्रीनसेल मोबिलिटी ने कहा, “यह आर्थिक पैकेज ग्रीनसेल मोबिलिटी में एक मीवेश के अलावा भी बहुत कुछ है; यह भारत के हरित, सुरक्षित और इसके कारण अधिक स्थिर भविष्य में निवेश है। हम हम भारत में परिवहर के विद्युतीकरण में शक्तिशाली धक्के में शामिल होते हुए पैन-इंडिया के साझा विद्युत परिवहन में अग्रणी खिलाड़ी बनने के अपने प्रयासों के रूप में इसका स्वागत करते हैं। ग्रीनसेल एक्सप्रेस प्र॰ लि॰ (जीईपीएल) की पेशकश के साथ, हम शहर से शहर तक की बस यात्रा का खंड ले कर आए हैं, जिसके तहत हम विद्युत बसें, जो नए युग के भारतीय यात्रियों, खास कर महिलाओं के लिए सुरक्षित, बिना झटकों का यात्रा अनुभव ले कर आए हैं।”