उत्तराखंड के गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन वन्यजीवों की हलचल पर नजर रखने के लिए 40 ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे।
शीतकाल में पार्क के गेट बंद होने से पहले पार्क प्रशासन ने ट्रैप कैमरे लगाने का काम तेज कर दिया है। यह अत्याधुनिक ट्रैप कैमरे वन्यजीवों की हर एक गतिविधि को कैद करने में सक्षम हैं।ट्रैप कैमरों के साथ अब पार्क प्रशासन वन्यजीवों को शिकारियों से बचाने के लिए लंबी दूरी की गश्त भी कराने लगा है।
गंगोत्री नेशनल पार्क देश का तीसरा सबसे बड़ा पार्क है जो 1553 वर्ग किलोमीटर और 7 हजार मीटर से अधिक ऊंचाई तक फैला हुआ है। यह पार्क हिम तेंदुआ, अरगली भेड़, भूरा भालू और लाल लोमड़ी सहित कई दुर्लभ जीवों का घर है। प्रत्येक वर्ष 01अप्रैल को पार्क क्षेत्र के गेट पर्यटक और पर्वतारोहियों के लिए खोल दिए जाते हैं और 30 नवंबर को बंद कर दिए जाते हैं। इसमें पार्क कर्मियों की टीम पार्क क्षेत्र के अलग- अलग ट्रैक रूट पर निकलकर वन्यजीवों की सुरक्षा पुख्ता करती है। इन ट्रैप कैमरे को केदारताल, गोमुख ट्रैक, नेलांग वैली में कारछा, चोरगाड, तिरपानी, नीलापानी, भैरों घाटी, गरतांग गली और जनकताल ट्रैक पर लगाए जाएंगे।