वनंतरा प्रकरण में आंदोलकारियों ने फूंका संसदीय कार्यमंत्री का पुतला

उत्तराखण्ड

ऋषिकेश। वनंतरा रिजार्ट प्रकरण पर गलत बयानबाजी करने का आरोप लगाते हुए आन्दोलकारियों ने वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का पुतला फूंक कर अपना आक्रोश जताया। विधानसभा सत्र के पश्चात वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वनंतरा रिजार्ट मामले में कहा था कि वहां कोई भी वीआइपी नहीं मिला है। कमरे का नाम वीआइपी है, इसमें रुकने वाले को वीआइपी कहा जाता है। उनके इस बयान से नाराज युवा संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलनकारियों ने बुधवार को मंडी तिराहा हरिद्वार रोड पर उनका पुतला फूंका।
वनंतरा रिजार्ट मामले में वीआइपी के नाम का खुलासा और सीबीआइ जांच की मांग को लेकर 49 दिन से आंदोलन चल रहा है। पांच आंदोलनकारी चार दिन से बेमियादी अनशन पर हैं। आंदोलनकारियों ने कहा कि एसआइटी जो भाषा बोल रही है वह सरकार की भाषा है। अभी तक मामले की चार्जशीट तक दाखिल नहीं हुई है, मामला उच्च न्यायालय नैनीताल में विचाराधीन है। इसके बावजूद संसदीय कार्य मंत्री कैसे वीआइपी के मामले में क्लीनचिट जारी कर सकते हैं। चार दिन से बेमियादी अनशन पर बैठे जयेंद्र रमोला, संजय सिलस्वाल, जितेंद्र पाल पाठी, सूरज कुकरेती, यशवंत सिंह रावत सहित आंदोलनकारियों ने कैबिनेट मंत्री के बयान की निंदा की। राज्य निर्माण आन्दोलनकारी प्रमिला रावत ने कहा कि विधानसभा के भीतर सत्र में विपक्ष ने वनंतरा रिजार्ट मामले को जोर-शोर से उठाया। बेटी को न्याय देने की बात करने वाली सरकार खामोश है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार की मंशा उजागर हुई है। उन्हांेने कहा कि जब तक प्रदेश सरकार उनकी बात पर गौर नही करती उनका आन्दोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन में लक्ष्मी बुड़ाकोटी, रामेश्वरी चौहान, कमलेश शर्मा, विक्रम भंडारी, प्रवीण जाटव, आरपी कोठारी, शीला ध्यानी आदि शामिल रहे।

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