नई दिल्ली । राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के तहत संचालित सुरक्षा और वैज्ञानिक तकनीकी अनुसंधान एसोसिएशन (SASTRA) ने एक प्रमुख तकनीकी-नीति थिंक टैंक इंडिया फ्यूचर फाउंडेशन के साथ मिलकर “भारत में सट्टेबाजी और जुए पर अंकुश लगाना एक राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्यता” शीर्षक से एक व्यापक रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट हाल ही में आयोजित एक गोलमेज चर्चा के दौरान प्रस्तुत की गई, जिसमें सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र, संयुक्त राष्ट्र, अनुसंधान निकायों और सलाहकार समूहों के प्रमुख लोगों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए स्कूल ऑफ एप्लाइड साइंसेज, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक और SASTRA के प्रबंध निदेशक कर्नल निधिश भटनागर ने अवैध सट्टेबाजी और जुए की गंभीर प्रकृति पर जोर दिया। उन्होंने कहा “ये गतिविधियाँ केवल मनोरंजन के लिए नहीं हैं; ये मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद के वित्तपोषण और संगठित अपराध सहित कई अवैध गतिविधियों के लिए माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी संस्थाएं मौजूदा कानूनी प्रणाली की खामियों का फायदा उठाकर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उचित कानून बनाने सहित एक सेंट्रलाइज्ड रेस्पोंस और इनफोर्समेंट मैकेनिज्मध (केंद्रीकृत प्रतिक्रिया और प्रवर्तन तंत्र) स्थापित करने के लिए हमारे कानूनी ढांचे में संशोधन करना हमारी प्रणालियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है, जिनमें ऐतिहासिक संदर्भ और वर्तमान कानूनी ढांचा, सरकारी कार्रवाई और उनकी प्रभावशीलता, केस अध्ययनों द्वारा दर्शाए गए अवैध सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों की प्रवृत्ति, राष्ट्रीय सुरक्षा निहितार्थ, तथा एक मजबूत नियामक व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए विस्तृत सिफारिशें शामिल हैं।
इंडिया फ्यूचर फाउंडेशन के संस्थापक कनिष्क गौर ने इस पर जोर देते हुए कहा, “अवैध सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों के कारण होने वाली गैरकानूनी गतिविधियों और उपयोगकर्ताओं को होने वाले नुकसान से निपटने के लिए भारत सरकार की ओर से एक ठोस प्रयास की आवश्यकता है। रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को इन प्लेटफार्मों द्वारा अपनाई गई प्रथाओं से उत्पन्न राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों पर ध्यान देने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है, जो दण्डमुक्ति के साथ काम करना जारी रखते हैं।