नई दिल्ली। 3 नवंबर को राहुल गांधी और हार्दिक पटेल के एक साथ एक मंच पर दिखने की बात कांग्रेस की तरफ से कही जा रही है। सूरत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हंसमुख देसाई ने बताया कि वर्छा में वे राहुल गांधी और हार्दिक पटेल का एक साथ स्वागत करने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। हालांकि जब इस संबंध में हार्दिक पटेल से पूछा गया तो उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया है उन्होंने कहा कि ‘अभी तक यह फैसला नहीं किया है कि मैं राहुल गांधी के साथ मंच साझा करूंगा या नहीं। पहले मैं पाटीदार नेता हूं, ना कि कांग्रेस नेता। इसी बीच सूत्रों से खबर है कि हार्दिक पटेल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच शेयर नहीं करेंगे इसके पीछे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बड़ी वजह हैं।
कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के साथ दिखने से हार्दिक पटेल को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि हार्दिक को अखिलेश यादव का अंजाम याद आ रहा है। उन्हें लग रहा है कि कहीं वो भी अखिलेश यादव बन कर ना रह जाएं। यूपी चुनाव के दौरान अखिलेश और राहुल ने गठबंधन किया था, दोनों ने एक साथ प्रचार भी किया था। उसका नतीजा क्या हुआ ये सभी को पता है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब हार्दिक को लग रहा है कि कहीं उनका अंजाम भी अखिलेश की तरह ना हो जाए।
पाटीदारों की नाराजगी इसके अलावा हार्दिक पटेल पाटीदारों को नाराज होने से बचाने के लिए भी कांग्रेस की किसी रैली में शामिल नहीं होना चाहते हैं। चुनाव से पहले हार्दिक को लेकर कई सारे विवाद भी खड़े हुए हैं। उन पर पाटीदारों को धोखा देने का आरोप लग रहा है। उनकी अश्लील सीडी भी लीक हो गई है। हार्दिक के कई साथी उनको छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। हालांकि हार्दिक का बीजेपी पर हमला जारी है। आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बीजेपी जनता को गुमराह कर रही है।
पाटीदारों के सिर से हार्दिक पटेल का जादू उतरने लगा है गुजरात के मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए लगने लगा है कि पाटीदारों के सिर से हार्दिक पटेल का जादू उतरने लगा है। दो साल पहले हार्दिक के एक फरमान पर राज्य का पटेल समुदाय अपनी जान न्यौछावर करने को तैयार था, लेकिन सियासी शतरंज पर ऐसी बाजियां चली गईं कि आज वही पटेल समुदाय हार्दिक पटेल से दूरी बनाने में लगा है। दो साल पहले बीजेपी के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाले हार्दिक के साथियों के दिल में कमल खिल रहा है और वो एक-एक करके बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। हार्दिक धीरे-धीरे गुजरात की सियासी रणभूमि में अकेले पड़ते जा रहे हैं। पाटीदार नेता हार्दिर पटेल को धोखेबाज तक कह रहे है। शायद यही वजह है कि हार्दिक पटेल सीधे तौर पर राहुल गांधी के साथ मंच शेयर नहीं करना चाह रहे हैं।