नई दिल्ली। पाकिस्तान को उसकी कारगुजारियां का जवाब देने के लिए भारत ने एक बार फिर से सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया है। इस बार यह जवाबी कार्रवाई जम्मू संभाग के पुंछ जिले के चकना दा बाग सेक्टर में स्थित रिहायशी इलाके पर हुई गोलाबारी का नतीजा था। आपको बता दें कि भारतीय सेना ने इस तरह की कार्रवाई को चौथी बार अंजाम दिया है। सेना की इस कार्रवाई को बीते दिनों पाकिस्तान की गोलाबारी में शहीद हुए भारतीय जवानों का बदला भी कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय सेना की तरफ से तब भी यह बात साफ कर दी गई थी कि इसका बदला जरूर लिया जाएगा लेकिन वक्त और जगह हम ही तय करेंगे। रक्षा जानकार और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल और पूर्व उप सेना प्रमुख राज काद्यान भी इसको ऐसा ही मानते हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कोई शब्द नहीं
हालांकि पूर्व उप सेना प्रमुख का कहना है कि मिलिट्री टर्मिनोलॉजी में सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कोई शब्द नहीं है। लेकिन जो दुश्मन को चकित कर देने वाली कार्रवाई हो जिसमें स्पीड हो उसको इस तरह का नाम दे दिया जाता है। यह सब कुछ पिछली बार भी उरी हमले के बाद हुई सैन्य कार्रवाई में दिखाई दिया था और इस बार भी यही था। उनके मुताबिक सेना ने जो कार्रवाई बोर्डर पार की है उसको बार-बार सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दिया जा रहा है। वह इस कार्रवाई को एक्सप्रेशन ऑफ इंटेंट [Expression of Intent] बताते हैं। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि जिस जगह पर यह कार्रवाई की गई है वह एलओसी के नजदीक का इलाका है। यहां पर भारतीय सेना और दूसरी तरफ पाकिस्तान की सेना जिसमें बैट के साथ उनकी रैगुलर आर्मी के जवान और आतंकी शामिल होते हैं लगातार गश्त करते रहते हैं।
ज्यादा अंदर तक नहीं गए जवान
काद्यान के मुताबिक इस कार्रवाई में भारतीय सेना के जवान ज्यादा अंदर तक नहीं गए होंगे क्योंकि उसके लिए समय अधिक चाहिए। लेकिन इस तरह की कार्रवाई हुई है। जनरल काद्यान का कहना है कि 2003 में रमजान के माह में पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर की बात कही गई थी। लेकिन उसके बाद भी पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी बार की जाती रही है। उन्होंने बताया कि भारत की तरफ से कभी भी इस तरह की पहल नहीं की जाती है और न ही हमारी इस तरह की पॉलिसी है। लेकिन दुश्मन की तरफ से हो रही फायरिंग या गोलाबारी का जवाब देना भारतीय सेना को बखूबी आता है। वही इस बार किया भी है। उन्होंने यहां तक कहा कि हमारे पास हर तरह के हथियार मौजूद हैं जिनसे हम अपनी जगह पर बैठकर ही दुश्मन केा ढेर कर सकते हैं।
रावलकोट के रुख चाकरी में हुई कार्रवाई
आपको बता दें कि नियंत्रण रेखा के पार रावलकोट के रुख चाकरी में हुई भारतीय सेना की कार्रवाई में पाकिस्तान के तीन जवान मारे गए हैं। इस कार्रवाई में सीमा पार कुछ जवान घायल भी हुए हैं और कई पाकिस्तानी चौकियां तबाह हो गई हैं। पाकिस्तान आर्मी के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने भी इसकी जानकारी दी है। यह घटना पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर में 59 बलूच यूनिट के 12 डिवीजन में हुई। एलओसी पर भारत का पुंछ क्षेत्र है।
कार्रवाई को कुलभूषण जाधव से जोडकर देख रहा पाक
इस सर्जिकल स्ट्राइक को पाकिस्तान की मीडिया कुलभूषण जाधव से भी जोड़कर देख रही है। आपको बता दें कि सोमवार को ही कुलभूषण से मिलने उनकी मां और पत्नी पाकिस्तान की जेल गए थे जहां कांच की दीवार के दोनों ओर इनकी मुलाकात और बातचीत हुई थी। हालांकि पाकिस्तान के इस दिखावे को लेकर भी भारत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। वहीं बीते शनिवार को पाकिस्तानी सेना की तरफ से हुई फायरिंग में मेजर सहित भारत के 4 जवान शहीद हो गए थे।
कब-कब और कहां-कहां हुई सर्जिकल स्ट्राइक
आपको यहां ये भी बता दें इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक भारत की तरफ से चौथी बार की गई है। पहली बार इस तरह की कार्रवाई जून 2015 में म्यांमार बोर्डर पर की गई थी। इसमें भारतीय सेना ने म्यांमार बोर्डर में घुसकर रातों रात 15 उग्रवादियों को ढेर कर दिया था। भारतीय सेना ने यह कार्रवाई मणिपुर के चंदेल में हुए हमले में 18 सैनिकों के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में NSCN (K) और KYKL के उग्रवादियों को काफी नुकसान पहुंचा था।
इसके बाद दूसरी बार इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक उरी हमले के बाद 28-29 सितंबर 2016 को सीमा पार की गई थी। इस दौरान पाकिस्तान के चुनिंदा जवानों ने रातों रात पीओके के इलाके में घुसकर कई आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया था। इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान के कुछ जवानों समेत कई आतंकी मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने कुछ समय के लिए वहां से आतंकी कैंपों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। हालांकि पाकिस्तान बार-बार भारतीय जवानों द्वारा की गई इस कार्रवाई को झूठा करार देता रहा लेकिन इसका खौफ उसको आज तक बना हुआ है।
भारतीय सेना के जवानों ने तीसरी बार 27 सितंबर 2017 एक बार फिर से नगा उग्रवादियों पर बड़ी कार्रवाई की। हालांकि इस बार यह कार्रवाई म्यांमार की सीमा में घुसकर नहीं की गई थी। सेना के मुताबिक सेना के जवानों ने तड़के करीब पौने पांच बजे इस कार्रवाई को अंजाम दिया था जिसमें नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (NSCN) (K) के उग्रवादियों को भारी नुकसान हुआ है। म्यांमार सीमा के निकट स्थित लांग्खू गांव में हुई इस सैन्य कार्रवाई में कई उग्रवादी मारे गए थे।