राज्य में पीने का पानी महंगा होने जा रहा है। पानी का बिल सालाना 15 प्रतिशत बढ़ेगा। जो अभी अल्प आय के लिए 9 प्रतिशत और मध्यम आय के लिए सालाना 11 प्रतिशत ही बढ़ता है। कैबिनेट ने सालाना वृद्धि से पहले सब कमेटी का गठन कर रिपोर्ट तैयार किए जाने के निर्देश दिए थे।सब कमेटी की पहली बैठक शुक्रवार को पेयजल मंत्री प्रकाश पंत की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई। कमेटी को बताया गया कि पानी के बिलों में सालाना वृद्धि हर साल एक अप्रैल से अपने आप लागू हो जाती है। इसके लिए कोई अलग से आदेश नहीं करना होता है। पहले भी सालाना पानी का बिल 15 प्रतिशत बढ़ता था। वर्ष 2013 में आपदा के समय अल्प आय वर्ग के लिए इसे घटा कर नौ प्रतिशत व मध्यम आय के लिए 11 प्रतिशत किया। इससे सालाना जल संस्थान को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। सालाना वृद्धि को पूर्व की तरह 15 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। कमेटी ने दरों को सैद्धांतिक सहमति देते हुए अगली बैठक तक फाइनल प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। कमेटी की अगली बैठक में दरें फाइनल कर कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी। बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक भी शामिल हुए।
भूजल के दोहन पर वाटर टैक्स
ऐसे प्राइवेट व सरकारी संस्थान, जिन्होंने पानी के कनेक्शन नहीं लिए हैं और निजी ट्यूबवैल से काम चला रहे हैं, उनसे वाटर टैक्स वसूला जाएगा। जो संपत्ति टैक्स का साढ़े 12 प्रतिशत होगा।
सीवर टैक्स की भी होगी वसूली
कई ऐसे प्राइवेट संस्थान हैं, जो सीवर शुल्क का भुगतान नहीं करते हैं। निजी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए हैं। उनसे सीवर टैक्स वसूला जाएगा। जो संपत्ति टैक्स का सवा छह प्रतिशत होगा।