नयी दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में तीन मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन के मद्देनजर रेलवे 15 अप्रैल से तीन मई के बीच बुक की गई 39 लाख टिकटों को रद्द करेगा। सूत्रों ने बताया कि देश में 14 अप्रैल तक लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ट्रेन की टिकटें बुक करने की सुविधा जारी थी और लॉकडाउन खुलने के बाद यात्रा करने के लिए करीब 39 लाख टिकटें बुक की गई। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगलवार को लॉकडाउन बढ़ाने के बाद रेलवे ने ना केवले तीन मई तक अपनी सभी यात्री सेवाएं निलंबित कर दी हैं बल्कि एडवांस बुकिंग भी रोक दी है। इस घोषणा से करीब 15,000 ट्रेनों की सेवाएं प्रभावित हुई हैं और इसके असर को कल मुम्बई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हुई उस घटना से आंका जा सकता हैं, जहां हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर लौटने की उम्मीद में जमा हो गये। हालांकि उन्हें बाद में वहां से हटाया गया। लेकिन इस घटना के बाद रेलवे पर सवाल उठने लगे की लॉकडाउन बढ़ाए जाने की अनिश्चितता के बावजूद टिकटों की बुकिंग जारी क्यों रखी गई। भारतीय रेलवे ने हालांकि कहा कि सभी यात्रियों को टिकट के पूरे पैसे वापस किए जाएंगे। जो ट्रेनें रद्द नहीं हुई हैं उसकी एडवांस बुकिंग रद्द करने वालों को भी पूरे पैसे वापस किए जाएंगे। रेलवे ने कहा कि ई-टिकट सहित ट्रेन की एडवांस बुकिंग अगले आदेश तक नहीं होगी। हालांकि ऑनलाइन टिकट रद्द करने की सुविधा जारी रहेगी। रेलवे ने कहा, ‘‘ जहां तक तीन मई तक रद्द की गई ट्रेनों की बात है तो ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले लोगों के पैसे अपने आप वापस आ जाएंगे। वहीं काउंटर से टिकट लेने वाले 31 जुलाई तक पैसे वापस ले सकते हैं। इन ट्रेनों की टिकट लेने वालों को पूरे पैसे वापस किए जाएंगे। ’’ उसने कहा, ‘‘ उन ट्रेनों की एडवासं बुकिंग करने वालों को भी पूरे पैसे वापस किए जाएंगे, जो अभी रद्द नहीं हुई है।’’