कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के उभार ने एक बार फिर भारत से लेकर दुनियाभर कि सरकारों और विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा का म्यूटेशन से आया है। डेल्टा को भारत में दूसरी लहर में तबाही के लिए जिम्मेदार माना जाता है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस 11 देशों में मिल चुके हैं और यह अल्फा की तुलना में 35-60 फीसदी अधिक संक्रामक है। आइए जानते हैं डेल्टा प्लस से कितना खतरा है और क्या यह तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या है?
यह नया स्वरूप डेल्टा प्लस (एवाई.1) भारत में सबसे पहले सामने आए डेल्टा (B.1.617.2) में म्यूटेशन से बना है। इसके अलावा K41N नाम का म्यूटेशन जो दक्षिण अफ्रीका में बीटा वेरिएंट में पाया गया था उससे भी इसके लक्षण मिलते हैं। इसलिए यह ज्यादा खतरनाक है।