सांस लेने की तकलीफ, दिल के दौरे का है महत्वपूर्ण संकेत

उत्तराखण्ड

-हार्ट अटैक के चार मरीज में से एक मरीजों में मिले यह लक्षण
देहरादून। सांस लेने में तकलीफ होना हार्ट अटैक के मरीज का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है। चार में से एक मरीज में श्वास लेने में परेशानी,  थकावट, और पेट दर्द जैसे लक्षण मिले हैं। ‘‘छाती में दर्द या असुविधा पुरुषों और महिलाओं दोनों में सबसे आम लक्षण है। यह असहज दबाव, निचोड़, पूर्णता, या दर्द महसूस कर सकता है जो कुछ मिनट से अधिक रहता है। हालांकि इसके अलावा सांस, झुकाव, पसीना, अम्लता, मतली, उल्टी, और पीठ या जबड़े दर्द की तकलीफ जैसे अन्य अटूट लक्षण हो सकते हैं। यह बात डॉ. राज प्रताप सिंह, सीनियर कंसल्टेंट एंड इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, कैलाश अस्पताल और हार्ट इंस्टीट्यूट, देहरादून ने कहीं। उन्होंने छाती के दर्द वाले लोगों को गंभीर हृदय क्षति से बचाने के लिए समय से उपचार कराने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि हर साल की भांति  29 सितंबर 2021 को  विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाने जा रहे हैं। डॉ. राज प्रताप सिंह बताते है कि ‘‘रिपोर्ट में, 8336 दिल के दौरे के विश्लेषण के आधार पर, यह पाया गया कि 24 प्रतिशत मरीजों में महत्वपूर्ण लक्षण सबसे लगातार सांस लेने की समस्याएं थी। कई लोगों में गैस की समस्या हार्ट अटैक में दिखी हैं। इससे पता चलता है कि रोगी इस बात से अनजान थे कि उनके लक्षणों को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता थी। ‘‘ डॉ राज प्रताप सिंह ने कहा कि मधुमेह, वृद्ध लोगों और महिलाओं में यह लक्षण सबसे आम थे, ऐसे में लोगों को इन लक्षणों से सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि, आम तौर पर लोग इसे इन संकेतों को ‘‘गंभीर‘‘ नहीं समझते हैं। डॉ प्रताप ने बताया कि ‘‘दिल का दौरा तब होता है जब दिल के एक हिस्से में रक्त प्रवाह में अवरोध या कमी होती है। ऐसे में समय से उपचार नहीं मिला तो वह हार्ट को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता हैं। अध्ययनों से पता चला है कि दिल के दौरे के लिए अस्पताल में भर्ती लोगों के लिए जीवित रहने की दर लगभग 95 प्रतिशत है जबकि उन लोगों में केवल 80 प्रतिशत हैं जो अस्पताल नहीं जाते हैं। यह दिल के दौरे के प्रकार के आधार पर भिन्न होता है। वह कहते है कि ‘‘दिल के दौरे में जल्द उपचार से रक्त प्रवाह को बहाल करने और मौत के जोखिम को कम होता हैं। दिल के दौरे के अल्पकालिक और दीर्घकालिक परिणाम दोनों बड़े पैमाने पर निर्धारित होते हैं कि हृदय की मांसपेशियों कितना काम कर रही हैं। तेजी से चिकित्सा उपचार के साथ, अवरुद्ध धमनी को आमतौर पर जल्दी से खोला जा सकता है, इस प्रकार अधिकांश हृदय मांसपेशियों को संरक्षित किया जाता है। अगर उपचार तीन या चार घंटों के भीतर वितरित किया जाता है, तो स्थायी मांसपेशी क्षति से अधिक से बचा जा सकता है। यदि उपचार में देरी हो रही है तो हृदय की मांसपेशियों की मात्रा में काफी कमी आई जा सकती है। लगभग 12 से 24 घंटों के बाद, नुकसान अक्सर अपरिवर्तनीय होता है जिसके परिणामस्वरूप हार्ट फेलियर के लक्षण अधिक हो जाते हैं। डॉ सिंह कहते है कि हार्ट अटैक से बचने के लिए नियमित व्यायाम करना, तनाव कम लेना, स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना, धूम्रपान से बचने, वजन कम करना और कम वसा युक्त भोजन, कम चीनी और कम नमक का उपयोग करना चाहिए। ये दिल के दौरे के जोखिम को लगभग 50 परसेंट तक कम सकते हैं। इसके अलावा बीपी, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर का लेवल को  बनाए रखा जाना चाहिए। मधुमेह या हृदय रोगों से जूझ रहे पेशेंट के लिए समय पर  चिकित्सा मूल्यांकन जरूरी हैं। यहां तक कि 40 वर्षों से ऊपर स्वस्थ लोगों को हर 3 से 5 वर्षों में चिकित्सा मूल्यांकन करना चाहिए ताकि हृदय रोग को जल्दी और समय पर उपायों का पता लगाया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *