उत्तराखंड की जेलों में बदमाशों का नेटवर्क टूटने का नाम नहीं ले रहा है। अब पौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि का नाम एक नहीं बल्कि तीन-तीन हत्याओं की साजिश रचने में सामने आया है। वह मुकदमे के गवाह व पुराने दुश्मन और एक युवती को मारने की साजिश रच रहा था। युवती की हत्या के लिए उसने 10 लाख रुपये की सुपारी भी ले ली थी। एसटीएफ ने उसके बुलाए तीन शूटरों को आशारोड़ी चेकपोस्ट से गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से तमंचे और कारतूस बरामद हुए हैं। एसटीएफ पौड़ी जेल में नरेंद्र वाल्मीकि से पूछताछ कर रही है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि एसटीएफ जेलों में बंद कुख्यातों के नेटवर्क पर नजर रखे हुए है। इस दौरान पता चला कि पौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि भी जेल से अपना नेटवर्क चला रहा है। वह मंगलौर क्षेत्र में अपने किसी पुराने मुकदमे के गवाह और एक अन्य व्यक्ति की हत्या कराना चाह रहा है। यही नहीं जांच में यह भी सामने आया कि उसने एक युवती की हत्या कराने के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी भी ली है। इन सब हत्याओं के लिए वह उत्तर प्रदेश के कुछ शूटरों को बुला रहा है। एसटीएफ ने नरेंद्र वाल्मीकि से पौड़ी जेल में पूछताछ की। जांच में सामने आया कि उसके एक साथी पंकज ने तीन शूटरों को बुलाया है, जो देहरादून स्थित चंद्रबनी के एक मकान में रुकने वाले हैं।
इस पर शूटरों को गिरफ्तार करने के लिए चार टीमों का गठन किया गया। रात देहरादून आशारोड़ी चेकपोस्ट के पास से इन तीनों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में इन्होंने अपने नाम नीरज पंडित निवासी मोहना, चाईशा, फरीदाबाद, हरियाणा, सचिन निवासी सोरम, भाहपुर, बुढ़ाना, मुजफ्फरनगर और अंकित निवासी सलारपुर, गंगोह, सहारनपुर बताए। इनके पास से दो तमंचे 315 बोर, एक तमंचा 312 बोर, छह कारतूस, एक मोटरसाइकिल और एक स्कूटर बरामद हुआ। इन शूटरों के खिलाफ क्लेमेंटटाउन थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। तीनों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।