दिल्ली-एनसीआर की हवा तीन दिन से लगातार बिगड़ रही है। 24 घंटे में एनसीआर के अधिकांश शहरों के साथ-साथ दिल्ली की हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। राजधानी का सबसे प्रदूषित इलाका बवाना 345 औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ रहा। इसके बाद नरेला सबसे प्रदूषित इलाका दर्ज किया गया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर इंडिया का अनुमान है दिवाली की रात तक वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच सकता है।
सफर के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के 1795 मामले दर्ज किए गए। इससे उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 तत्व की प्रदूषण में छह फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई है। इस समय हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिम और पूर्व दिशा की ओर है। इस वजह से अधिक पराली जलने के बाद भी दिल्ली में धुआं कम पहुंच रह है। सफर का अनुमान है कि दिवाली की रात से पराली का धुआं बढ़ना शुरू होगा और छह नवंबर तक इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। इन दो दिनों के अंदर पराली के धुएं की हिस्सेदारी 20 से 30 फीसदी तक दर्ज की जा सकती है। इससे हवा में पीएम 2.5 व पीएम 10 के स्तर में भी इजाफा होगा और यह बहुत खराब से लेकर गंभीर श्रेणी तक दर्ज हो सकता है। मंगलवार को हवा में पीएम10 का स्तर 252 व पीएम 2.5 का स्तर 131 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा।