यूकेएमआरसी ने माना है कि 2026 तक एफआरआई से रायपुर के बीच 92 हजार 679, साल 2051 तक एक लाख 48 हजार 190 यात्री रोजाना मेट्रो नियो से सफर करेंगे। दून में वैसे तो भीड़भाड़ में आपका वाहन 40 की स्पीड से आगे नहीं बढ़ पाता लेकिन मेट्रो नियो 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आपको अपने गंतव्य तक पहुंचाएगी। आईएसबीटी से घंटाघर रूट को तैयार करने के लिए यूकेएमआरसी को 1.58 हेक्टेयर सरकारी और 1.18 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण की जरूरत होगी। जबकि एफआरआई से रायपुर रूट पर यूकेएमआरसी को 5.08 हेक्टेयर सरकारी और 1.38 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण की जरूरत होगी। जबकि निर्माण कार्य के दौरान करीब आठ हजार स्क्वायर मीटर जगह अस्थायी तौर पर चाहिए होगी।
यह हैं दो रूट
आईएसबीटी से गांधी पार्क : 8.523 किलोमीटर (10 स्टेशन)
एफआरआई से रायपुर : 13.901 किलोमीटर (15 स्टेशन)
आईएसबीटी से घंटाघर के बीच स्टेशन : आईएसबीटी, सेवला कलां, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, देहरादून रेलवे स्टेशन, देहरादून कचहरी, घंटाघर और गांधी पार्क।
एफआरआई से रायपुर के बीच स्टेशन : एफआरआई, बल्लूपुर चौक, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, मल्होत्रा बाजार, घंटाघर, सीसीएमसी, आराघर चौक, नेहरू कालोनी, विधानसभा, अपर बद्रीश कालोनी, अपर नत्थनपुर, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, हाथीखाना चौक और रायपुर।
यह होती है मेट्रो नियो
मेट्रो नियो सिस्टम रेल गाइडेड सिस्टम है, जिसमें रबड़ के टायर वाले इलेक्ट्रिक कोच होते हैं। इसके कोच स्टील या एल्युमिनियम के बने होते हैं। इसमें इतना पावर बैकअप होता है कि बिजली जाने पर भी 20 किलोमीटर तक चल सकती है। सामान्य सड़क के किनारों पर फेंसिंग करके या दीवार बनाकर इसका ट्रैक तैयार किया जा सकेगा। इसमें ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम होगा, जिससे स्पीड लिमिट भी नियंत्रण में रहेगी। इसमें टिकट का सिस्टम क्यूआर कोड या सामान्य मोबिलिटी कार्ड से होगा। इसके ट्रैक की चौड़ाई आठ मीटर होगी। जहां रुकेगी, वहां 1.1 मीटर का साइड प्लेटफॉर्म होगा। आईसलैंड प्लेटफॉर्म चार मीटर चौड़ाई का होगा।