शिक्षा विभाग और एचसीएल के समझौते से छात्रों को मिलेगा लाभ

उत्तराखण्ड

देहरादून। एचसीएल ट्रेनिंग और स्टाफिंग सर्विसेज, अ सब्सिडियरी ऑफ एचसीएल टेक्नोलॉजीस एवं शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया गया। दोनों पक्षों के मध्य किये गये समझौते के अन्तर्गत एचसीएल के द्वारा राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए स्किल ट्रेनिंग और काउंसलिंग सम्बन्धी कार्यक्रम राज्य स्तर पर संचालित किया जाना है। इस योजना से एचसीएल के द्वारा राज्य के छात्र-छात्राओं हेतु न्यूनतम 1000 सीटें निर्धारित की गयी है, जिसके अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को कौशल विकास के साथ ही शत् प्रतिशत रोजगार परक कई कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इनमें एचसीएल फर्स्ट कैरियर फ़ॉर ग्रेजुएशन और इंजीनियरिंग, एचसीएल टेकबी फ़ॉर क्लास 12वीं स्टूडेंट और आई बिलीव फ़ॉर वीमेन रेस्टार्टिंग कैरियर आदि शामिल हैं। इन कार्यक्रम के सम्बंध में बंशीधर तिवारी, राज्य परियोजना निदेशक द्वारा अवगत कराया गया है कि एचसीएल टीएसएस द्वारा प्रत्येक वर्ष अनुभवी पेशेवरों को नियुक्त किये जाने के अतिरिक्त, नये उम्मीदवारों को आरम्भिक कौशल विकास सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे न केवल रोजगार मिलेगा अपितु वे वैश्विक पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुये स्वयं के लिए उच्च स्तर के रोजगार जुटा पायेंगे।
एचसीएल टेक्नोलॉजीज के अन्तर्गत कक्षा 12वीं उत्तीर्ण या प्रत्येक वर्ष 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्र-छात्राओं को विद्यालय स्तर पर परामर्श के आधार पर रोजगार चुनने तद्नुसार एचसीएल के कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के अवसर दिया जायेगा। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को जो लाभ प्राप्त होंगे। उनमें एचसीएल के साथ नौकरी का आश्वासन, एचसीएल का अर्ली करियर प्रोग्राम बारहवीं कक्षा के छात्रों को वैश्विक करियर के अवसरों के लिए सुनिश्चित पूर्णकालिक नौकरी दी जायेगी। वहीं कमाएँ और सीखें- टेकबी के लिए चयनित होने वाले छात्र उम्मीदवारों को लाइव एचसीएल परियोजनाओं में इंटर्नशिप के दौरान 10,000 रुपये का छात्रवृत्ति दी जायेगी। बताया कि उच्च शिक्षा के अवसर-एचसीएल में पूर्णकालिक कर्मचारी बनने के बाद उम्मीदवार एचसीएल कर्मचारियों के रूप में काम करते हुए बिट्स पिलानी ओर सस्त्रा यूनिवर्सिटी और एमिटी यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। उच्च शिक्षा कार्यक्रम के लिए शुल्क आंशिक रूप से एचसीएल द्वारा स्नातक कार्यक्रम के आधार पर वित्त पोषित किया जायेगा। प्रारंभिक वेतन-एक साल के टेक बी प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन के बाद, छात्रों को सॉफ्टवेयर इंजीनियर, इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट, डिजाइन इंजीनियर या डिजिटल प्रोसेस एसोसिएट्स जैसी चुनी गई नौकरी की भूमिकाओं के अनुसार प्रति वर्ष 1.70-2.20 लाख रुपये के बीच वेतन दिया जायेगा।
इसके लाभ में वैश्विक ग्राहकों के लिए काम करने के अलावा, प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा करने वाले उम्मीदवार पूर्णकालिक एचसीएल कर्मचारी बन सकेंगे और उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, साथ ही कर्मचारी कल्याण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला को कवर करने वाले सभी एचसीएल लाभों तक उनकी पहुंच होती है। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के चयन हेतु चयन परीक्षा में एचसीएल टीएसएस  द्वारा आयोजित किया जायेगा, जोकि राज्य स्तर पर विभिन्न केन्द्रों पर आयोजित की जायेगी। कार्यक्रम के लिए प्रथमतः दो वर्ष के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया गया है, लेकिन कार्यक्रम की सफलता के आधार पर समझौता ज्ञाप की अवधि छात्रहित में विस्तारित की जायेगी। एचसीएल द्वारा भारत के साथ ही इस कार्यक्रम को विदेशों में भी संचालित किया जा रहा है तथा भारत में वर्तमान में जम्मू कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि राज्यों में संचालित किया जा रहा है। बंशीधर तिवारी, राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा द्वारा समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर करने के साथ ही कार्यक्रम को राज्य के छात्रों के लिए अत्याधिक महत्वपूर्ण मानते हुये बताया गया कि राज्य के साधन विहिन छात्रों के लिए न्यूनतम व्यय पर उच्चतम शिक्षा/कौशल प्राप्त करने का इससे अधिक सुनहरा अवसर नहीं मिल सकता है। समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर करने के अवसर पर मदन मोहन जोशी, बीपीमैन्दोली, स्टाफ ऑफिसर, सूर्यकान्त चतुर्वेदी, जोनल मैनेजर, एचसीएल टीएसएस  दीपक शर्मा, राज्य प्रबन्धक, एचसीएल टीएसएस मोहम्मद हरिश उपस्थित रहे।

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