उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के दूसरे सत्र में पहले ही दिन गैरसैंण के मुद्दे पर सियासत गर्मा सकती है। प्रदेश की जनभावनाओं से जुड़े इस मुद्दे पर विपक्ष अपने तेवर दिखा सकता है। वहीं, कयास लगाए जा रहे हैं कि धामी सरकार गैरसैंण को लेकर कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है।
सरकार की ओर से बजट सत्र पहले गैरसैंण में कराए जाने की घोषणा की गई थी। इसकी तिथि भी घोषित कर दी गई थी। लेकिन, बाद में चारधाम यात्रा में प्रशासनिक मशीनरी की व्यस्तता का हवाला देकर सत्र देहरादून में आयोजित कराए जाने की घोषणा की गई। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पहले दिन से इसका विरोध कर रही है।
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहले ही इस मुद्दे पर सत्र के दौरान गैरसैंण में उपवास रखकर अपना विरोध दर्ज कराने की घोषणा कर चुके हैं। उनका कहना है कि सरकार लगातार गैरसैंण की उपेक्षा कर रही है। विधानसभा से यह संकल्प पहले ही पारित किया गया था कि बजट सत्र हर बार गैरसैंण में ही होगा। लेकिन अब सरकार की मंशा गैरसैंण को हाशिए पर डालने की दिख रही है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर दूसरे विपक्षी दलों से भी आगे आने की अपील की है।