सचिव पशुपालन व ग्राम्य विकास बी. पुरुषोत्तम पतंजलि पहुंचे

उत्तराखण्ड
  • ग्रामीण विकास, दुग्ध विकास, पशुपालन, मत्स्य पालन, तकनीकि आदि विविध विषयों पर हुई चर्चा

हरिद्वार। पतंजलि अनुसंधान संस्थान में सचिव पशुपालन, मत्स्य पालन, दुग्ध एवं दुग्ध विकास, सहकारिता, ग्रामीण विकास, सीपीडी, यूजीवीएस-आरईएपी बी पुरुषोत्तम तथा मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन का आगमन हुआ जहाँ आचार्य बालकृष्ण के तत्वाधान में एक बैठक आयोजित कर उत्तराखण्ड में ग्रामीण विकास, दुग्ध विकास, पशु पालन, मत्स्य पालन, तकनीकि आदि विविध विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस अवसर पर आचार्य ने कहा कि पतंजलि गाँव, कृषि, किसान के उन्नयन हेतु संकल्पबद्ध है तथा इस क्षेत्र में वर्षों से कार्य कर रहा है। पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट, पतंजलि अनुसंधान संस्थान तथा भरुआ सोल्यूशन्स हमारी प्रमुख ईकाइयाँ हैं जिनके माध्यम से नित नए शोध किए जा रहे हैं। बैठक में सचिव पुरुषोत्तम ने कहा कि पतंजलि की विविध सेवापरक गतिविधियों का लाभ देश के किसान, पशुपालक, मत्स्य पालक, डेयरीकर्मियों को मिल रहा है। तकनीक के क्षेत्र में भी पतंजलि अग्रणी कार्य कर रहा है जिससे इन क्षेत्रें से जुड़े लोगों को आशातीत लाभ मिल रहा है। इस अवसर पर उत्तराखंड में ग्रामीण सशक्तिकरण के मॉडल का प्रस्तुतीकरण तथा ऐप और डैशबोर्ड का लाइव प्रदर्शन किया गया। साथ ही  मवेशियों तथा मत्स्य की जीयो फैन्सिंग पर अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया गया । साथ ही उन्होंने सहकारी समितियों के लिए ऋण प्रणाली में बी-बैंक के महत्व को बताया। उन्होंने पीओएस डिवाइस और डेटा डिजिटलाइजेशन पर विस्तृत वार्ता की।  दुग्ध और दुग्ध विकास तथा पशुपालन के डिजिटल सर्वे पर प्रस्तुतिकरण दिया। पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के पवन कुमार तथा डॉ. वेदप्रिया आर्य ने पीपीपी मोड में चारागाह विकास के साथ गौ अभ्यारण्य पर वार्ता की। पशु रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को ट्रेसबिलिटी और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए घर-घर गाय परियोजना पर भी जोर दिया गया।

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