लांसनायक चंद्रशेखर: परिजनों को नहीं देखने दिया गया चेहरा

उत्तराखण्ड

शहीद लांसनायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर 12.15 बजे हल्द्वानी पहुंचा। शहीद को श्रद्धांजिल देने के लिए यहां लोगों को सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान उनके परिजनों को शहीद का चेहरा नहीं दिखाई गया। अंतिम दर्शन के लिए परिजनों को केवल दस मिनट का समय ही मिला।

शहीद चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर मंगलवार को घर नहीं पहुंच सका था। स्थानीय लोगों ने उनके सम्मान में और श्रद्धांजलि देने के लिए पूरी गली को ही तिरंगामय कर दिया। अंतिम विदाई देने के लिए फूलों से सजी गाड़ी भी तैयार की गई है। जब पता चला कि पार्थिव शरीर मंगलवार को नहीं लाया जा सका तो मायूसी छा गई थी। बुधवार को शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर देशभक्ति के जयघोष के साथ में घर पर लाया गया। जहां तकरीबन 10 मिनट परिजनों को अंतिम दर्शन कराए गए। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि स्थल पर लाया गया है। यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। 
मंगलवार को मेयर जोगेंद्र सिंह रौतेला भी शहीद के घर पहुंचे थे और परिजनों को ढांढस बंधाया। सियाचिन में 38 साल पहले शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर की पार्थिव देह खराब मौसम के चलते मंगलवार को घर नहीं लायी जा सकी थी। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक लेह-लद्दाख में मौसम सामान्य होते ही पार्थिव शरीर को हल्द्वानी लाया जाना था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *