बोले HEALTH MINISTER डॉ. धन सिंह, सूबे में आयोजित होगा 37वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा

उत्तराखण्ड

आगामी 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक चलेगा नेत्रदान पखवाड़ा
लोगों को नेत्रदान के प्रति किया जायेगा जागरूक
देहरादून। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत सूबे में 37वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा आयोजित किया जायेगा। जिसे आगामी 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर मनाया जायेगा, जिसके सफल आयोजन के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दे दिये गये हैं। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के दौरान प्रदेशवासियों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया जायेगा।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आगामी 25 अगस्त से प्रदेशभर में 37वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जायेगा, जिसके सफल आयोजन के लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि 25 अगस्त से 8 सितम्बर के मध्य आयोजित राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के माध्यम से प्रदेशवासियों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया जायेगा, साथ ही लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने की शपथ लेने के लिये भी प्रेरित किया जायेगा। नेत्रदान पखवाड़े के दौरान सभी 13 जनपदों में ब्लॉक स्तर पर नेत्र परीक्षण शिविरों का भी आयोजन किया जायेगा जहां पर लोगों की आंखों की जांच की जायेगी साथ ही एएनएम एवं आशाओं के द्वारा विटामिन-ए की दवा वितरित की जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में नेत्र रोगियों के लिये विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत राज्य सरकार मोतियाबिंद का निःशुल्क ऑपरेशन कर रोगियों को मुफ्त चश्मा भी उपलब्ध करा रही है। जिसका लाभ हजारों लोग उठा रहे हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि वर्ष 2017-18 में 37901 लोगों का मोतियाबिंद का निःशुल्क ऑपरेशन किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में 34538, वर्ष 2019-20 में 33292, वर्ष 2020-21 में 23160 एवं वर्ष 2021-22 में 34267 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन कर ऑख के लेंसों का निःशुल्क प्रत्यारोपण किया गया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अगले तीन वर्षों में मोतियाबिंद मुक्त भारत अभियान को प्रदेशभर में चरणबद्ध तरीके से चलाया जायेगा ताकि सूबे को मोतियाबिंद मुक्त बनाया जा सके।

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