गाडू घड़ा कलश यात्रा में शामिल हुए हरीश रावत व साध्वी प्राची लोगों ने मांगी मन्नतें

उत्तराखण्ड

यात्रा की तैयारियों पर पूर्व सीएम ने सरकार के कार्यो पर जताया संतोष
ऋषिकेश। नरेंद्र नगर राजमहल से गाडू घड़ा कलश यात्रा के ऋषिकेश पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर स्वागत किया। बदरी केदार मंदिर समिति के चेला चेतराम धर्मशाला में गाडू घड़ा को श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए रखा गया। पवित्र कलश के दर्शन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत साध्वी प्राची भी पहुंचीं। इस दौरान भगवान बदरी नारायण का भोग प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया गया। इसके बाद गाडू घड़ा अगले पड़ाव श्रीनगर के लिए रवाना हुई। गौरतलब है कि 12 अप्रैल यानी कल नरेंद्र नगर स्थित राजमहल में सुहागिन महिलाओं ने तिल का तेल पिरोया था। जिसे पवित्र चांदी के गाडू घड़ा में भरा गया। जिसके बाद यह गाडू घड़ा कलश यात्रा बदरीनाथ के लिए रवाना हुई। गाडू घड़ा कलश यात्रा ऋषिकेश में विश्राम के बाद श्रीनगर के लिए रवाना हो गई। इससे पहले पवित्र कलश के दर्शन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची समेत कई लोग भी पहुंचे। पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि इस बार यात्रा बेहतर चलेगी। उन्होंने सरकार के कार्यों पर संतोष जताया और कहा कि जो भी कमी होगी, उसको दूर कर लिया जाएगा। इस दौरान हरीश रावत ने खुद वाद्य यंत्रों को बजाकर भजन कीर्तन कर रही महिलाओं का साथ दिया। वहीं, विहित नेता साध्वी प्राची ने कहा कि आज से गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा शुरू हो गई है। उन्होंने देशवासियों की मंगल कामना की है। बता दें कि गाडू घड़ा में रखे पवित्र तिलों के तेल से भगवान बदरी नारायण का अभिषेक किया जाता है। इस पवित्र कलश को लेकर डिमरी पंचायत के लोग विभिन्न पड़ाव से होते हुए 26 अप्रैल को बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे। जहां पर 27 अप्रैल को कपाट खुलने के बाद भगवान बदरी विशाल का अभिषेक इसी तिल के तेल से किया जाएगा। साथ ही अखंड ज्योति भी इसी तेल से जलाई जाएगी। गाडू घड़ा यात्रा से ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ माना जाता है।

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