देहरादून। देहरादून में नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में दिनदहाड़े हुई डकैती की घटना का दून पुलिस ने किया खुलासा कर दिया है। घटना को अंजाम देने वाले 05 शातिर अभियुक्तों को डकैती के माल के साथ गिरफ्तार किया गया है। गत 11 अप्रैल को संदीप अग्रवाल पुत्र विनोद अग्रवाल निवासी 107 नेहरू कॉलोनी द्वारा सूचना दी गई की दोपहर करीब 12 बजे चार अज्ञात बदमाशों द्वारा चाकू व तमंचे की नोक पर उनके घर में घुसकर उनकी माता सुनीता अग्रवाल, पिता विनोद अग्रवाल व बहन रश्मि अग्रवाल को डरा धमका कर उन्हें बंधक बनाते हुए उनसे सोने के जेवरात व नकदी लूट कर ले गए हैं। जिस पर तत्काल थानाध्यक्ष नेहरू कॉलोनी द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर उच्चाधिकारियों को घटना के संबंध में सूचना दी, सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया, घटना के सम्बन्ध में वादी द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर थाना नेहरू कालोनी पर अज्ञात अभियुक्तों के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया।
दिनदहाडे हुई डकैती की घटना की गम्भीरता के दृष्टिगत पुलिस उपमहानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा घटना के शीघ्र खुलासे व अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए पुलिस अधीक्षक अपराध सर्वेश पंवार व पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोभाल के नेतृत्व में कुल 08 अलग-अलग टीमें गठित की गयी। गठित पुलिस टीम द्वारा सर्वप्रथम घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों का गहनता से अवलोकन किया गया तो ज्ञात हुआ कि एक एक्टिवा व एक अपाचे मोटरसाइकिल में सवार चार लोग वादी के घर के अंदर घुसे और उनके द्वारा शातिराना अंदाज में गाड़ियां दूर खड़ी कर घटना को अंजाम दिया गया, इसके अतिरिक्त एक अभियुक्त निगरानी हेतु घर के पास ही रुक गया। घटना कारित करने के मात्र 10 मिनट के पश्चात सभी अभियुक्त मोटरसाइकिल व एक्टिवा में फरार हो गए। सीसीटीवी फुटेजों के अवलोकन करने पर उक्त वाहनों की नंबर प्लेट पर काली टेप चढ़ा होना पाया गया, जिस कारण वाहनों को ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल था। गठित टीम द्वारा घटना के सम्बन्ध में जनपद देहरादून, हरिद्वार तथा मुजफ्फरनगर के लगभग 450 सीसीटीवी कैमरों का गहनता से अवलोकन किया गया तो ज्ञात हुआ कि घटना से पूर्व कुछ लोगों द्वारा घर की भली-भांति रैकी की गई थी। सीसीटीवी फुटेजों के अवलोकन से पुलिस को कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के फोटोग्राफ प्राप्त हुए, जिनकी तलाश में पुलिस टीम द्वारा जनपद हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर ,दिल्ली इत्यादि स्थानों पर अपने गोपनीय सूत्रों से जानकारी की गई तो गोपनीय जानकारी से उक्त घटना में मुजफ्फरनगर के ग्राम पचेन्डाकला के बदमाशों के शामिल होने के गहन साक्ष्य मिले। जिस पर पुलिस टीम द्वारा उक्त अभियुक्तगणों के सम्बन्ध में गोपनीय रूप से सूचना एकत्रित करते हुए मुखबिर की सूचना पर घटना में संलिप्त 05 अभियुक्तों में से 04 अभियुक्तों 01-विपिन, 02-सचिन, 03-विकास व 04-अंकित को ग्रा0 पचेन्डाकला मुजफ्फरनगर तथा 01 अन्य अभियुक्त विकास जयसवाल को आईडीपीएल ऋषिकेश से गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से लूट का समस्त सामान बरामद किया गया।
पूछताछ में अभियुक्त विपिन द्वारा बताया गया कि मैं देहरादून में अपने चचेरे भाई गुड्डू के पास अक्सर आता जाता रहता हूँ, स्कूल में काम करता है जो संदीप अग्रवाल का है। अपने चचेरे भाई से मैंने बातों-बातों में उसके मालिक के घर के बारे में काफी जानकारी जुटायी थी क्योकि संदीप अग्रवाल एक नामी स्कूल चलाता है तथा वर्तमान में एडमिशन सीजन होने के कारण मुझे उसके घर पर लगभग 40 से 50 लाख रू0 तक मिलने की उम्मीद थी, इसलिये मैंने उसके घर में डकैती डालने का प्लान बनाया था। इस प्लान को मैंने अपने अन्य साथियों सचिन, अंकित तथा विकास को भी शामिल किया था। फिर हमने करीब 10 दिन पहले आकर घर की रेकी की थी व उसके दो दिन बाद ही घटना करने आये थे, किन्तु उस दिन उनके घर के बाहर काफी मजदूर काम कर रहे थे, जिस कारण हम वापस चले गए। 10 तारीख को हम लोग एक्टिवा व अपाचे मोटर साइकिल से देहरादून आये पर उस दिन भी मौका न मिलने के कारण हम ऋषिकेश में हमारे गावं के रहने वाले विकास जयसवाल के पास चले गये, जो पहले दिल्ली रहता था और वर्तमान में ऋषिकेश क्षेत्र में किराये पर रहकर एक होटल चलाता है। विकास जयसवाल को हमने अपनी योजना के बारे में बताया तो वो भी हमारी इस योजना में शामिल हो गया। विकास जयसवाल के कमरे में जगह कम होने के कारण मैं उसके कमरे में रुक गया व मेरे अन्य साथी विकास, सचिन और अंकित भानियावाला में काइट होटल में रुक गए। 11 तारीख को सुबह हम सब लोग प्लान के मुताबिक एक्टिवा व अपाचे बाइक में सीधे देहरादून नेहरु कॉलोनी वाली गली में स्थित उक्त घर में पहुंचे जिसकी हमारे द्वारा पहले ही जानकारी जुटा ली गयी थी। हमने बाइक को घर से थोडी दूर एक पार्क के पास खड़ा किया व एक्टिवा सीधे घर के पास ले गए। विकास घर के बाहर रहा और हम चारों लोग घर में घुस गए व वहां मौजूद 2 महिलाओं, एक बुजुर्ग को हमारे पास मौजूूद तमंचे व चाकू से डराते हुए उन्हें बंधक बनाकर उनसेे उनके पहने हुये जेवरात अंगूठी, कड़े व कान के टॉप्स तथा लगभग 6-7 हजार रूपये नगदी ले ली। हम घर पर अलमारी आदि चेक कर पाते इससे पहले ही उपरी मंजिल से एक महिला चिल्लाने लगी तो हम लोग डर कर वहां से भाग निकले। .उसके बाद हमने कैमरों से बचने के लिए अपने कपडे़ बदले और सीधे ऋषिकेश चले गए, जहाँ हमने विकास को छोड़ा व उसे उसके हिस्से की एक अंगूठी दी और बैराज घूमते हुवे सीधे अपने गावं आ गए, जो पैसे हमने लूटे थे वो हमारे खाने पीने में खर्च हो गए। हम जेवरात बेचने मुज्जफरनगर गए थे किन्तु बिना बिल के किसी ने उन्हें नहीं खरीदा तो हम वापस घर जा रहे थे कि इस दौरान ही पुलिस ने हमंे पकड़ लिया। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में विपिन पुत्र कृष्णपाल, निवासी पचेन्डाकला थाना नई मण्डी, मुज्जफरनगर, विकास पुत्र रणजीत, सचिन पुत्र रामगोपाल, अंकित पुत्र अशोक व विकास जयसवाल पुत्र विक्रम सिंह निवासी अमर कॉलोनी ईस्ट गोकुलपुर देहली शामिल हैं।
बरामदग किए गए सामान में 04 अंगूठी सोने की, 04 चूड़ी सोने की, 02 कान की बाली सोने की, 01 तमंचा 315 बोर मय 01 जिंदा कारतूस, 02 चाकू घरेलू इस्तेमाली, अपाचे मोटर साइकिल नं0 च्ठ65 ।।4480 व एक्टिवा नं0रू क्स् 8ै ब्फ 3248 शामिल हैं।