हरिद्वार। अविरल प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम के साथ एलायंस टू एंड प्लास्टिक वेस्ट (एईपीडब्लू) और जीआईजेड ने गंगा में प्लास्टिक के कचरे को कम करने की दिशा में कार्य किया है। एलायंस टू एंड प्लास्टिक वेस्ट (एईपीडब्लू) की चीफ एडवाइजर, साउथ एशिया एशा सार के मुताबिक स्थानीय स्टेक होल्डर्स के साथ साझेदारी कर काम करना प्रोजेक्ट के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। इस दिशा में सबसे बड़ी उपलब्धि मैटीरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) की स्थापना है। एशा सार ने बताया कि हरिद्वार नगर निगम और अपने प्रोजेक्ट पार्टनर जीआईजेड के साथ मिलकर हम इस पवित्र शहर को प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में प्रयासरत रहे।
यह एक पायलट प्रोजेक्ट था। जिसके द्वारा एईपीडब्लू और जीआईजेड ने हरिद्वार शहर के 4 वार्ड को प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए चुना और हरिद्वार नगर निगम के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट (एमआरएफ) की स्थापना की। जिसकी क्षमता 5 टन प्रतिदिन है।
हरिद्वार नगर निगम प्लास्टिक कचरे के निष्पादन में अब सभी अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस है और पूरे शहर में प्लास्टिक वेस्ट के सतत निपटान के लिये प्रतिबद्ध है।