ज्येष्ठ पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डूबकी

उत्तराखण्ड

हरिद्वार। ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने धर्मनगरी हरिद्वार पहंुचकर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद पूजा व दान करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा का व्रत माता लक्ष्‍मी को समर्पित होता है, इस दिन माता लक्ष्‍मी की पूजा करने से सारे मनोरथ पूरे होते हैं। साथ ही कुछ महत्‍वपूर्ण उपाय भी इस दिन के लिए खास मानें गए हैं। इन उपाय को करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर आपको करियर में उन्‍नति प्रदान करती हैं और साथ ही कारोबार में भी दिन दोगुनी रात चैगुनी तरक्‍की होती है। ज्योतिष आचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक शनिवार को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि, ज्येष्ठा नक्षत्र, शुभ योग, वणिज करण, पश्चिम का दिशाशूल  दिन है। ज्येष्ठ पूर्णिमा और वट पूर्णिमा का व्रत करने से सुख, समृद्धि बढ़ेगी, इसके साथ ही वैवाहिक जीवन भी सुखमय होगा। वट पूर्णिमा व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत सुहागन महिलाएं ही करती हैं। इस दिन वट वृक्ष, देवी सावित्री और उनके पति सत्यवान की पूजा की जाती है। ज्येष्ठ अमावस्या को पड़ने वाली वट सावित्री व्रत के समान ही वट पूर्णिमा व्रत भी रखा जाता है।

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