सुगम यातायात – 15 हजार वाहनों की पार्किंग क्षमता विकसित कर रही है धामी सरकार

उत्तराखण्ड
  • विकास प्राधिकरणों के जरिए 182 स्थानों पर बनाई जा रही है वाहन पार्किंग
  • एमडीडीए, ऋषिकेश और देहरादून में बना रहा है दो हज़ार गाड़ियों की पार्किंग
    देहरादून । उत्तराखंड में वर्ष भर पयर्टकों और तीर्थयात्रियों की आवाजाही लगी रहती है। ऐसे में प्रदेश सरकार यातायात जाम की समस्या से निपटने के लिए सड़क चौड़ीकरण के साथ ही, प्रमुख तीर्थों, शहरों और पयर्टन स्थलों पर पार्किंग स्थलों का निर्माण कर रही है। वर्तमान में विभिन्न विकास प्राधिकरणों के जरिए 182 स्थानों पर 15 हजार से अधिक वाहनों की पार्किंग सुविधा तैयार की जा रही है। जिसमें से 34 जगह पार्किंग स्थल तैयार हो चुके हैं। एमडीडीए ऋषिकेश और देहरादून में दो हजार गाड़ियों की पार्किंग बना रहा है।
    उत्तराखंड में हाल के समय में ऑल वेदर रोड, एक्सप्रेस वे और स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे में उच्चीकृत किए जाने के साथ ही पीएमजीएसवाई नेटवर्क के जरिए रोड कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। इसका असर चारधाम यात्रा के साथ ही पयर्टन सीजन में उमड़ती रिकॉर्ड भीड़ के रूप में नजर आ रहा है। लेकिन इसी के साथ प्रमुख शहरों से लेकर पयर्टन स्थलों पर जाम की समस्या नजर आने लगी है। इसी समस्या के निदान के लिए उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (ऊडा ) विभिन्न विकास प्राधिकरणों के जरिए युद्धस्तर पर 182 स्थलों पर कुल 15857 वाहन क्षमता की पार्किंग सुविधा तैयार कर रहा है। इसमें वर्तमान तक 34 स्थलों को तैयार करते हुए 2102 वाहनों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। जबकि 47 अन्य पर निर्माण कार्य प्रारंभ भी हो चुका है। शेष पर कार्यवाही विभिन्न स्तरों पर जारी है।
    पहली बार टनल पार्किंग
    पर्वतीय भू भाग होने के कारण, उत्तराखंड में भूतल और मल्टी स्टोरी पार्किंग के लिए जगह का संकट रहता है। इसलिए प्रदेश सरकार पहली बार, टनल पार्किंग का विकल्प आजमाने जा रही है। इसमें पहाड़ के अंदर सुरंग तैयार कर पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी। इसके लिए बागेश्वर, लक्ष्मणझूला, उखीमठ, केम्प्टी फॉल, नैनबाग, तपोवन, उत्तरकाशी, यमुनोत्री मार्ग (उत्तरकाशी), नैनीताल (दो स्थानों पर) में टनल पार्किंग तैयार की जा रही है। उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (ऊडा) के मुख्य प्रशासक डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक टनल पार्किंग उत्तराखंड के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
    उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्रियों और पयर्टकों का कीमती समय जाम में बर्बाद न हो इसके लिए प्रमुख पड़ावों पर पार्किंग निर्माण किया जा रहा है। जिलाधिकारियों को इसके लिए भूमि चयन प्राथमिकता पर करने को कहा गया है। इसका लाभ स्थानीय निवासियों को भी मिलेगा।
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
    कुल प्रस्तावित पार्किंग – 182
    सरफेस – 57
    मल्टी स्टोरी – 107
    ऑटोमेटेड – 09
    टनल – 10
    कुल वाहन क्षमता – 15857
    पूर्ण हो चुकी हैं – 34

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