मुम्बई। इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ‘तेरा इंतजार’ को दर्शकों का इंतजार ही रहा क्योंकि सिनेमाघर खाली नजर आ रहे थे। वैसे भी निर्देशक अगर अरबाज खान और सनी लियोन को कहानी में बतौर रोमांटिक जोड़ी पेश कर रहा हो तो दर्शक पहले ही दूर हो जाएंगे। सनी लियोन का अपना एक दर्शक वर्ग है लेकिन सिर्फ वही इस फिल्म की लागत निकलवा दें यह संभव नहीं है। अरबाज खान की वैसे तो इस वर्ष कई फिल्में आईं लेकिन सभी बॉक्स ऑफिस पर धराशायी रहीं। इस फिल्म का भी हश्र कुछ ऐसा ही होने वाला है। निर्देशक ने फिल्म में सिर्फ ब्यूटी परोसने पर ही ध्यान दिया है।
फिल्म की कहानी रौनक (सनी लियोन) और वीर (अरबाज खान) के इर्दगिर्द घूमती है। रौनक एक आर्ट गैलरी चलाती है जबकि वीर एक आर्टिस्ट है। एक दिन रौनक की नजर अपनी ऐसी तसवीर पर पड़ती है जो उसे बिना पूछे बनायी गयी है। जब वह वीर से इसके बारे में पूछती है तो वह बताता है कि उसके सपने में जो लड़की आती है उसको ध्यान में रखते हुए ही उसने यह तसवीर बनाई है। अब दोनों में प्यार हो जाता है और धीरे धीरे कई मुलाकातों में वह आगे बढ़ते चले जाते हैं। एक दिन वीर जब अचानक गायब हो जाता है तो रौनक उसे काफी ढूंढती है। जब रौनक को यह पता चलता है कि वीर की हत्या हो गयी है तो वह काफी परेशान हो जाती है। अब उसे अकेला देख कर कई लोग उसका फायदा उठाना चाहते हैं लेकिन वीर की आत्मा रौनक की रक्षा करती है और अपने हत्यारों से बदला भी लेती है।
अभिनय के मामले में कोई भी ऐसा कलाकार फिल्म में नहीं है जिसके काम को बेहतर कहा जा सके। सनी जब भी ठीकठाक लगती हैं अगर तभी कैमरा क्लोज अप शॉट ले ले तो लगता है कि अभिनय की उन्हें एबीसीडी भी नहीं आती। उन्होंने जमकर ब्यूटी परोसी है। उनका अपना अलग दर्शक वर्ग है और लगता है वह उनका पूरी तरह ध्यान रखती हैं। अरबाज खान ने पूरी तरह निराश किया। ना तो वह रोमांटिक रोल में जमे और ना ही उनकी संवाद अदायगी प्रभावी रही। अन्य सभी कलाकार सामान्य है। गीत-संगीत निष्प्रभावी है। निर्देशक राजीव वालिया की यह फिल्म देखने से बचा जाए तो समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
कलाकार- सनी लियोनी, अरबाज खान, गौहर खान, सुधा चंद्रन, आर्य बब्बर, भानी सिंह, संगीत- राजू आशु, निर्माता- अमन मेहता, बिजल मेहता और निर्देशन- राजीव वालिया।