हल्द्वानी। पूर्व सीएम हरीश रावत शुक्रवार को मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह केंद्र से लेकर शहर तक के मुद्दे पर बोले। राष्टï्रीय राजनीति में जाने के सवाल को साफगोई से टालते हुए कहा कि मैं तो बस हल्द्वानी की मीडिया की ओर जा रहा हूं। उन्होंने केंद्र के बाद राज्य सरकार पर बरसते हुए खनन, पलायन, चीनी, आबकारी, गैंरसैंण मुद्दे को छूआ।
रावत ने कहा कि उनकी सरकार ने गैंरसैंण व पलायन के लिए एक रोडमैप तैयार किया था। सरकार उसी की ओर बढ़ रही थी लेकिन डबल इंजन की सरकार ने उस अवधारणा को ही तहस-नहस कर दिया है। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि डबल इंजन आगे बढऩे की बजाय पीछे की ओर बढ़ रहा है। हमने गैंरसैंण में बजट सत्र आयोजित करने की योजना बनाई लेकिन ये सरकार तो शीत सत्र में सिमट गई। शीत सत्र भी गैंरसैंण ‘छूआ बाद में, भागने की जल्दी पहलेÓ वाली स्थिति रही। अब सरकार कंबल में मुंह छिपा रही है। उन्होंने कहा हमने आबकारी नीति को फलोत्पोदन से जोड़कर पलायन रोकने का रोडमैप बनाया। साथ ही उस वक्त हमारी महुआ, गहत आदि से पलायन रोकने की मंशा थी, लेकिन अब सरकार ने पलायन आयोग का गठन कर हमारी सारी योजनाओं को ठप कर दिया है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना तक को बंद कर राज्यवासियों को स्वास्थ्य के मूलभूत अधिकार से वंचित रखने का षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा कि अब सरकार इस वक्त ‘डेनिस व दबंगÓ ब्रांड एंबेसडर बनकर रह गई है। सीमांत क्षेत्रों में आधे से ज्यादा अवैध शराब बिक रही है। उन्होंने कहा कि सरकार खनन को एक-दो लोगों के हाथों में सौंपने का षड्यंत्र रच रही है। इसी मंशा से कृत्रिम कारणों से बजरी के दाम आज आसमान छू रहे हैं। भाजपा शासित अन्य राज्यों में खनन पर एकाधिकार है। वही स्थिति राज्य में पैदा की जा रही है। भांग की खेती पर सरकार के बयान का स्वागत करते हुए रावत ने कहा कि जब हम इस नीति को लाए थे तो भाजपा आसमान सिर पर उठा लिया था।
अब इसे लागू किया जा रहा है ये स्वागतयोग्य है। गन्ना किसानों की बदहाली पर रावत ने कहा कि सितारगंज चीनी मिल को बंद कर दिया गया। हमने चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने को आसवानी को इनसे जोड़ा था लेकिन अब बाजपुर तक आसवानी को बंद कर दिया गया है। जिससे बाजपुर चीनी मिल भी निकट भविष्य में बंद हो जाएगी। इस मौके पर प्रयाग भट्ट, खजान पांडेय, सतीश नैनवाल, राहुल छिम्बाल, हेमंत बगड़वाल, दान सिंह भंडारी, शशि वर्मा समेत बड़ी संख्या में कांग्रेसजन मौजूद रहे।
जीरो टोलरेंस नारा नहीं एक्शन प्लान
त्रिवेंद्र सरकार के जीरो टोलरेंस प्लान पर चुटकी लेते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि ये नारा नहीं होना चाहिए बल्कि एक्शन प्लान होना चाहिए। भ्रष्टïाचार पर सरकार बेपर्दा हो गई है। एनएच व भूमि खरीद मामलों में जो हो रहा है वह किसी से छिपा नहीं है। लोकायुक्त नियुक्ति पर हमारे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं जबकि हमने तो लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए नामों का पैनल अनुमोदन के लिए भेज दिया था। अनुमोदन न करने वालों से इसका सवाल पूछा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने लोकपाल की नियुक्ति को लटका रखा है। उसी को एक्सटेन कर यहां पर लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की जा रही है।