देहरादून – सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राकृतिक न्याय का पालन कर अतिक्रमण की जद में आने वाले लोगों को नोटिस देकर सुनवाई के उपरांत कार्यवाही करने का आदेश देने के संदर्भ में गत दिवस जारी सरकारी विज्ञप्ति में दावा किया गया था कि सार्वजनिक मार्गों पर अतिक्रमण के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फौरी तौर पर भी कोई स्टे नहीं दिया गया हैऔर कहा गया था कि अतिक्रमण पर कार्यवाही में और तेजी लाई जाएगी।परन्तु आज सरकारी जेसीबी की खामोशी सूचना विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति तक में भी दिखाई पड़ी।विज्ञप्ति में भी आज केवल चिन्हीकरण की कार्यवाही का उल्लेख किया गया है।जो यह साबित करता है कि शासन-प्रशासन को भी इस बात का अहसास हो चुका है कि तानाशाही की प्रवृत्ति उन पर भारी न पड़ जाए ।