(सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा)
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भागीरथी कोशिश पूरे विश्व ने देखी थी जिसमें साफ-सुथरा हिन्दुस्तान बनाने के लिये एक प्रधानमंत्री ने खुद झाडू उठा ली थी। उनकी पहल इस हद तक परवान चढ़ी कि छोटे बड़े शहरों में जागरूक नागरिकों से लेकर भाजपा के छोटे-बड़े नेताओं के हाथों में झाडू लिये फोटो चैनलों अखबारों में दिखाई देने लगे। परन्तु जिन नरेन्द्र मोदी के धुंआधार प्रचार की दम पर भाजपा ने सूबे में कांग्रेस का सफाया कर 70 में से 57 सीटें हासिल कर ली थी उन्हीं नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता सम्बन्धी प्रयासों का उत्तराखण्ड में विशेष तौर पर प्रदेश की राजधानी देहरादून में क्या हाल किया जा रहा है यह सूबे के दोनों मण्डलों गढ़वाल एवं कुमांऊ में हो रहे प्रयासों के विश्लेषण से स्पष्ट हो जाता है।
-कुमांऊ के शहरों को इन्दौर जैसा बनाने की ठोस कवायद
किसी भी सरकार के कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने का दायित्व सरकारी मशीनरी का होता है इसी क्रम में गत 25 जुलाई को मण्डलायुक्त कुमांऊ राजीव रौतेला ने कुमांऊ के शहरों को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में ठोस पहल की। उन्होंने कुमांऊ के शहरों को साफ-सुथरा बनाने के लिये देश के सबसे स्वच्छ घोषित किये गये शहर ‘‘इन्दौर’’ को रोल-माडल बनाया। मण्डलायुक्त के प्रयासों से इन्दौर शहर को साफ-सुथरा बनाने वाली स्वयंसेवी संस्था ने एक सप्ताह तक सरोवर नगरी नैनीताल का अध्ययन किया। बेसिक्स म्यूनिसिपल बेस्ट वेंचर के मैनेजर दीपक साहू द्वारा डाटा प्रजेन्टेशन के माध्यम से सरोवर नगरी को सुन्दर-स्वच्छ बनाने की कार्य योजना प्रस्तुत की। आयुक्त ने सरोवर नगरी नैनीताल को प्रथम चरण में शत-प्रतिशत तथा हल्द्वानी, टनकपुर, रूद्रपुर व काशीपुर को शत प्रतिशत स्वच्छ बनाने का संकल्प जताया। इस अवसर पर जिलाधिकारी नैनीताल विनोद कुमार सुमन ने भी नैनीताल को सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिये दृढ़ता दर्शायी।
-गढ़वाल मण्डल विशेषकर राजधानी देहरादून में लगे हैं कूड़े के अम्बार
एक ओर कुमांऊ के मण्डलायुक्त राजीव रौतेला इन्दौर को रोल माडल बनाकर कुमांऊ के शहरों को शत-प्रतिशत स्वच्छ बनाने का संकल्प जता रहे हैं वहीं राज्य का हृदयस्थल मानी जाने वाली राजधानी देहरादून में हर ओर गन्दगी का आलम व्याप्त है। कूड़े के ढेरों की स्थिति इतनी विकट है कि महानगर के विभिन्न क्षेत्रों की कौन कहे जिलाधिकारी कार्यालय कलैक्ट्रेट परिसर में जगह-जगह गन्दगी की अम्बार है। कलैक्ट्रेट परिसर स्थित जिला सूचना कार्यालय के ठीक सामने लगे कूड़े के विशाल ढेर से (तस्वीर देखें) इस बात को समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को किस प्रकार देहरादून में कुचला जा रहा है।