नैनीताल- 15वे वित्त आयोग की चार सदस्य टीम बुद्ववार को नैनीताल पहुॅची। कैलाखान हैलीपेड पर आयोग के अध्यक्ष श्री एनके सिंह तथा सचिव श्री अरविन्द मेहता का आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल श्री राजीव रौतेला तथा जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने पुष्प देकर स्वागत किया। टीम में आयोग के सदस्य श्री शक्तिकान्त दास, डाॅ.रमेश चन्द्र भी मौजूद थे। आयोग के अध्यक्ष श्री एनके सिंह व अन्य सदस्यों द्वारा शहर के ख्यातिलब्ध होटल के सभागार में क्षेत्र के पर्यटन व्यवसायियों के साथ दो तरफा संवाद कर पर्यटन व्यवसायियों की समस्याएं जानी। संवाद के दौरान पर्यटन व्यवसायियों ने उत्तराखण्ड में पर्यटन व्यवसाय को और अधिक सुदृढ़ करने और पर्यटन को अधिक स्वरोजगार परक बनाए जाने के लिए सुझाव भी दिए।
अपने सम्बोधन ने वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एनके सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला प्रदेश है। प्रदेश के समग्र विकास एवं यहाॅ के लोगों के सामाजिक, आर्थिक विकास के साथ ही स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने तथा पलायन को रोकने के लिए वित्त आयोग द्वारा जो जानकारियाॅ जुटाई गई हैं, उन पर गहन अध्ययन एवं विचारोपरान्त वित्त में बढ़ोत्तरी के लिए भारत सरकार से अनुशंसा की जाएगी। श्री सिंह ने कहा कि अधिकांश पर्वतीय क्षेत्र वाले प्रदेश में दैवीय आपदा से भी काफी नुकसान हर साल होता है, इससे आधारभूत सुविधाएं चरमरा जाती हैं, जिसके कारण लोग विकास की धारा से विमुख हो जाते हैं। ऐसे में आपदा से हो रहे बढ़े नुकसान और पर्यावरणीय सेवाओं व प्रतिबन्धों से राज्य की आर्थिक प्रगति में आ रही बाधाओं को दूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पर्यटन व्यवसाय यहाॅ के लोगों की जीविका का मुख्य साधन है, ऐसे में पर्यटन व्यवसाय को और अधिक सुदृढ़ करने और प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश की सड़कों, रेल मार्गों के साथ ही हैली सेवाओं के विस्तार की काफी गुंजाईश है। उत्तरखण्ड की सड़कों, राष्ट्रीय राज मार्गो को नए सिरे से बनाना होगा। प्रदेश में रेल सेवाओं को प्रदेश के दुर्गम स्थानों तक विस्तारित करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही देश के महानगरों से हवाई सेवाएं, रेल सेवाएं बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक देश व दुनिया के पर्यटक उत्तराखण्ड की ओर रूख कर सकें और यहाॅ का पर्यटन और अधिक विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि पर्यटन व्यवसाय के सुदृढ़ होने से उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति, लोक साहित्य का भी दूर तक प्रचार-प्रसार हो सकेगा। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि जो सुझाव एवं विचार पर्यटन व्यवसायियों द्वारा आयोग के समक्ष रखे गए हैं, उनका अध्ययन कर भारत सरकार से विशेष संतुति की जाएगी।
होटल एसोशिएशन भीमताल के कोषाध्यक्ष महेन्द्र वर्मा ने कहा कि प्रदेश पर्यटन व्यवसाय का और अधिक विस्तार एवं सुधार किये जाने के साथ ही वित्त पोषण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने भीमताल के साथ ही अन्य झीलों के विकास किये जाने का सुझाव रखा। अपने सम्बोधन में दिग्विजिय सिंह ने कहा कि प्रदेश के दूरगामी क्षेत्र में आधुनिकतम सुविधाओं से युक्त रिसोर्ट की कमी है, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रिसोर्ट की बढाने की आवश्यता है। सरकार की होम स्टे योजना से भी पर्यटकों को सुदूर क्षेत्रों में आवासीय सुविधा मिल रही है बावजूद इसके रिसोर्टों का विकास आवश्यक है। होटल व्यवसायी प्रवीण शर्मा ने कहा कि पर्यटन व्यवसाय को बढ़ाने के लिए मौजूदा सुविधाओं के विस्तार की जरूरत है सर्दी एवं बारिश के मौसम में पर्यटकों की आवक काफी कम हो जाती है, इससे पर्यटन व्यवसाय प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्थाएं एवं वातारण विकसित किया जाए जिससे पर्यटक वर्षभर पर्वतीय क्षेत्रों में आए, इससे क्षेत्रीय लोगों को वर्ष के 12 महीने रोजगार के अवसर मिलेंगे। पर्यटन व्यवसायी हरि सिंह मान ने वन्य जीव पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। कार्बेट राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (कार्बेट नेशनल पार्क) वन्य जीवों का बहुत बढ़ा केन्द्र है। यहाॅ वर्तमान समय में लगभग 250 बाघ मौजूद है। आज से 10 साल पहले बाघों की संख्या काफी कम हुआ करती थी, प्रशासन व स्थानीय जनता के सहयोग से वनों का विकास किया गया है वहीं वन्य जीवों का भी संरक्षण किया गया है। अपने सम्बोधन में पैराग्लाईडिंग एसोशिएशन के नितिन राणा ने कहा कि पैराग्लाईडिंग एक ऐसी विधा है जोकि पर्यटकों को आकर्षित करती है। बहुत से पर्यटक साहसिक पर्यटन में रूचि रखते हैं, जिसमें पैराग्लांिडंग महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस विधा के विकास एवं संवर्धन के लिए पर्यटन की कार्य योजना में शामिल किया जाए। इसके अलावा पर्यटन व्यवसायी महेन्द्र वर्मा, कलम त्रिपाठी ने भी अपने कई महत्वपूर्ण सुझाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत किये।
इस महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त सचिव वित्त आयोग भारत सरकार मुखमीत एस भाटिया, सचिव वित्त अमित नेगी, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, प्रबन्ध निदेशक सिडकुल सौजन्या, सचिव अरविन्द सिंह हयांकी, आयुक्त कुमायू मण्डल राजीव रौतेला, प्रबन्ध निदेशक केएमवीएन धीराज गब्र्याल, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, ओएसडी वित्त आयोग भारत भूषण गर्ग, उप निदेशक अनशुमन मिश्रा, श्वेता सत्या, सुश्री शिखा दहिया, सहायक निदेशक सालम श्याम सुन्दर सिंह, अर्थशास्त्री पंकज गैड़ा, सचिव सविन बंसल, जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, सुश्री रंजना, मुख्य विकास अधिकारी वन्दना के अलावा बढ़ी संख्या में पर्यटन व्यवसायी एवं गणमान्य नागरिक एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।