पन्तनगर विश्वविद्यालय की सराहनीय पहल :सामुदायिक रेडियो सेवा द्वारा कार्यशाला की आयोजित

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पंतनगर (उत्तराखंड)– पंतनगर विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के शैक्षणिक तकनीकी प्रकोष्ठ में आज सामुदायिक रेडियो सेवा द्वारा एक-दिवसीय कार्यषाला का आयोजन किया गया, जिसका विषय ‘कृषि एवं ग्रामीण विकास में सामुदायिक रेडियो की भूमिका’ था। कार्यषाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विष्वविद्यालय के कुलपति, डा. तेज प्रताप, ने की, जिसमें निदेषक संचार, डा. एस.के. बंसल; कार्यवाहक अधिष्ठाता कृषि, डा. करूणा विषुनावत; एवं संयुक्त निदेषक संचार, डा. षिवेन्द्र कष्यप उपस्थित थे।
कुलपति, डा. तेज प्रताप, ने कहा कि पंतनगर विष्वविद्यालय द्वारा शुरू की गयी सामुदायिक रेडियो सेवा जन-जन से जुड़ती है और इसकी वाणी से जन-जन लाभांवित हुए हैं इसीलिए ये जनवाणी बनती है। उन्होंने कहा कि अगर हम 2050 की बात करें तो किसानगिरी आसान काम नहीं है, इसलिए हमें कृषि को नये दौर में ले जाना होगा। खेती में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु कृषि वैज्ञानिक और कृषकों को मिलकर सोचने की जरूरत है और इस सोच को साकार करने के लिए जनवाणी एक अच्छा माध्यम हो सकता है। डा. प्रताप ने कहा कि खेती से पैदावार तो अधिक हो रही है, लेकिन उसका भंडारण किस प्रकार बेहतर बनाया जाये, पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए छोटे किसानों की खेती में क्या परिवर्तन लाया जाये इत्यादि के बारे में जनवाणी के द्वारा जन आंदोलन करने की जरूरत है, जिससे भविष्य की स्थिति के अनुरूप लोगों को जागरूक किया जा सके।
निदेशक संचार, डा. बंसल, ने कहा कि पंतनगर की सामुदायिक रेडियो सेवा अपने शुरूआती दौर से ही ग्रामीण एवं कृषि विकास के उत्थान के लिए विष्वविद्यालय के उद्देष्यों के साथ मिलकर कार्य कर रही है, जिससे विष्वविद्यालय की छवि लोगों के बीच सकारात्मक हुयी है। पंतनगर जनवाणी के कार्यक्रमों का उपयोगी प्रसारण वैज्ञानिकों, ग्रामीणों और समुदाय के लोगों के सहयोग से ही पूर्ण हो रहा है। उन्होंने बताया कि पंतनगर जनवाणी को ग्रामीण विकास के लिए नयी कृषि नीति के अनुरूप खेत से प्रयोगषाला सिद्धांत पर कार्य करने और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
डा. विषुनावत, ने बताया कि प्राचीन समय से ही रेडियो संचार का अच्छा एवं प्रेरक माध्यम रहा है। इससे सरकारी योजनाओं व विष्वविद्यालय की नयी तकनीकों की जानकारी उन सभी लोगों तक आसानी से पहुंचायी जाती है, जिन लोगों को इनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इससे पूर्व संयुक्त निदेषक संचार, डा. कष्यप ने अतिथियों का स्वागत किया एवं कार्यषाला की उपयोगिता एवं रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर पंतनगर जनवाणी के कार्यक्रमों में सहयोग दे रहे सामुदायिक प्रतिनिधियों ने अपने विचार प्रकट किये। कार्यषाला के अपराह्न में हुए द्वितीय सत्र में प्रतिभागियों द्वारा विषय पर सामूहिक परिचर्चा की गयी। कार्यषाला में पंतनगर जनवाणी के प्रसारण से लाभांवित हो रहे 15 से अधिक गांवों के लगभग 100 लोगों ने प्रतिभाग किया। मीडिया को यह जानकारी समाचार समन्वयक नरेश कुमार द्वारा दी गई।

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