हाईकोर्ट नैनीताल ने मंगलवार को देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे राजेश गुलाटी के जमानत संबंधी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए राजेश की जमानत याचिका खारिज कर दी। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता की ओर से कहा गया गुलाटी पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वह पिछले 11 साल से जेल में है।
जेल में भी उनका आचरण बहुत अच्छा रहा है। जेल प्रशासन ने अच्छे आचरण का प्रमाण पत्र भी दिया है। कोर्ट से इस आचरण के आधार पर जमानत की याचना की गई। इसका विरोध करते हुए सरकार की ओर से कहा गया कि इनके खिलाफ निचली अदालत में 42 गवाह पेश हुए थे। सभी ने इस हत्या को निर्मम हत्या बताया। जो आरोप इन पर लगाए गए थे, वह पुलिस जांच में सही मिले थे।