उत्तराखंड में काशीपुर से भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा के 2017 विधानसभा चुनाव के नामांकन व चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान विधायक हरभजन सिंह चीमा बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में पेश हुए। इस दौरान कोर्ट ने उनके बयान दर्ज किए।
चीमा ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने नामांकन पत्र में जो जानकारी दी है या जो भी दर्शाया है, वह उन्होंने अपने प्रमाण पत्रों के आधार पर ही भरा है। उन्होंने कोर्ट में प्रस्तुत सभी प्रमाणपत्र सही होने का बात कही। उधर, दूसरे पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि विधायक के पेन कार्ड व पासपोर्ट में दो अलग-अलग जन्म तिथियां हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तिथि नियत की। न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। काशीपुर निवासी राजीव अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि विधायक चीमा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र में गलत तथ्यों को दर्शाया है। याचिकाकर्ता का कहना था कि विधायक के पेन कार्ड में जन्मतिथि 8 जनवरी 1944 लिखी गई है जबकि पासपोर्ट में 7 अप्रैल 1946 अंकित है।