पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र ने राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए। केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मामला दुर्लभ से दुर्लभ है। इसने हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा किया है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए यह गंभीर खतरे के रूप में सामने आया है। पंजाब सरकार की ओर से गठित जांच कमेटी पर केंद्र ने कहा कि राज्य के गृहमंत्री भी इस मामले में जांच के दायरे में हैं। इसलिए वह जांच पैनल का हिस्सा नहीं हो सकते।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह मामला सीमा पार आतंकवाद का मामला है इसलिए एनआईए अधिकारी जांच में सहायता कर सकते हैं। वहीं मामले में पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हमने एक जांच समिति बनाई है। यहां तक कि केंद्र द्वारा भी जांच समिति बनाई गई है। समिति पूरी तरह से खुली हुई है। किसी को भी जांच के लिए नियुक्त किया जा सकता है।