कई पोलिंग बूथों पर मतदाता वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने से अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके। इनमें सभी ऐसे मतदाता थे जो वर्षों से मतदान करते आए हैं, लेकिन इस बार उनका नाम नहीं होने से वह मायूस लौट गए। स्थिति यह रही कि एक परिवार में 17 मतदाता हैं, लेकिन वोटर लिस्ट में सिर्फ एक व्यक्ति का ही नाम दर्ज है। जबकि ऐसे भी मतदाता थे, जिनका नाम सूची में दो बार दर्ज था।
गोपेश्वर के दिगंबर बिष्ट ने बताया कि उनके परिवार में 17 सदस्य मतदाता हैं, लेकिन वोटर लिस्ट में सिर्फ एक व्यक्ति का ही नाम दर्ज था, जिससे परिवार के अन्य 16 लोग वोट नहीं डाल सके। विमला देवी सुबह सात बजे मतदान केंद्र पर पहुंच गई थीं, लेकिन वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं मिला। एक घंटे तक सूची खंगालने के बाद वह मायूस लौट गई।
इसी तरह धनुली देवी, मनोरमा भंडारी सहित कई अन्य लोगों का नाम भी मतदाता सूची में नहीं था। पोखरी, जोशीमठ, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, घाट, कर्णप्रयाग, गौचर, गैरसैंण, थराली, देवाल और नारायणबगड़ क्षेत्र में भी कई मतदाताओं के नाम सूची से गायब मिले। ऐसे में लोगों को मायूस होकर बैरंग लौटना पड़ा। वहीं माणा गांव के कई मतदाताओं के नाम भी सूची से गायब थे।