देहरादून। अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः मेरा उन श्री गुरु के चरणों में नमन है जिन्होंने उस सत्य को मेरे समक्ष प्रकट कर दिया जो अखंड, अनंत, कालातीत, संपूर्ण ब्रह्मांड- चल अथवा अचल में व्याप्त है।-गुरु स्त्रोतम। सौभाग्यशाली हैं जिन्हें ऐसे पूर्ण गुरु की संगति प्राप्त है जो उनके जीवन को प्रबुद्ध बनाने के साथ-साथ उसे उच्च लक्ष्य तक पहुँचाने का स्रोत भी प्रदान करते हैं। ऐसे दिव्य गुरुदेव का वंदन करने के महत्वपूर्ण दिवस- श्री गुरु पूर्णिमा, को मनाने के लिए भक्तजन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली में एकत्रित हुए। गुरुदेव के प्रति अपने प्रेम और कृतज्ञता को व्यक्त करने के लिए असंख्य श्रद्धालु आयोजित गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में पहुँचे। आशुतोष महाराज (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के शिष्यों की ओर से प्रस्तुत भक्तिमय भावपूर्ण भजनों ने सभी हृदयों को भक्ति-रस से आप्लावित कर दिया। उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने गुरुदेव की मंगल आरती एवं पूजन में भाग लिया और गुरुदेव की दिव्य प्रेरणाओं में सराबोर होते नजर आए। आशुतोष महाराज के प्रचारक शिष्यों साध्वी तपेश्वरी भारती, साध्वी परमा भारती और स्वामी अदित्यानंद ने भावपूर्ण एवं प्रेरणादायक सत्संग प्रवचनों को साँझा किया। कार्यक्रम में भगवान श्री राम के भ्राता भरत जी के अनुकरणीय जीवन पर एक विशेष नाट्य प्रस्तुत किया गया। दिव्यता से परिपूर्ण कार्यक्रम ने उपस्थित सभी भक्तजनों के हृदयों को गुरु प्रेम और भक्ति भावों से आप्लावित कर दिया।