उर्गम घाटी का अरोशी गांव आज भी सड़क से महरूम

उत्तराखण्ड

मरीज को डंडी-कंडी पर लादकर पहुंचाना पड़ता है सड़क तक
चमोली। जिले के जोशीमठ विकासखंड स्थित उर्गम घाटी का अरोशी गांव आज भी सड़क सविधा से महरूम है। जिससे लोगों को आए दिन परेशानियों से दो चार होना पड़ता है। किसी की तबीयत बिगड़ने पर डंडी-कंडी पर लादकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है, जिस कारण समय पर उपचार न मिलने पर कई बार मरीज रास्ते में दम भी तोड़ देते हैं। बीते दिन गांव के ही एक व्यक्ति की अचानक तबीयत बिगड़ गई। अरोशी गांव के ग्रामीणों द्वारा मरीज को डंडी कंडी के सहारे जोखिम भरे रास्तों को पार कर 5 किलोमीटर पैदल सफर तय कर सड़क मार्ग तक पहुंचाया। जहां से परिजनों के द्वारा किराए पर निजी वाहन कर मरीज को उपचार के लिए जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया गया। जोशीमठ ब्लॉक स्थित उर्गम घाटी के गांव अरोशी के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वारा साल 2016 में 21 करोड़ की लागत से दो फेज में सड़क स्वीकृत हुई थी। पीएमजीएसवाई पोखरी खंड के ईई ने बताया कि अरोशी गांव को जोड़ने वाली सड़क कटिंग का कार्य भेटा गांव तक पहुंच गया था, लेकिन अब जिस स्थान पर सड़क कटिंग का कार्य होना है, ठीक उसके ऊपर लोगों के आवासीय मकान हैं। सड़क कटिंग से बरसात के दौरान लोगों के घरों को नुकसान न हो, जिस वजह से कार्य रोका गया है। बरसात बंद होते ही पुनः कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
दूसरी तरफ ग्रामीणों का कहना हैं कि बरसात से हुए भूस्खलन के कारण सड़क कटिंग के मलबे से पैदल मार्ग भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। बीते दिन गांव के ही भारत सिंह चौहान की अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसको अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने मिलकर डंडी कंडी का सहारा लिया। पैदल रास्ते पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण पहाड़ी पर मरीज के साथ अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क मार्ग तक पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि इस साल 6 ग्रामीण बीमार होने से ग्रामीणों ने 5 किमी पैदल चलकर इसी तरह सड़क तक पहुंचाया, वहीं सरकार और विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली को लेकर लोगों में भारी रोष है।

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