राज्य कैबिनेट की बैठक में जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत पैकेज को लेकर लिए गए कई अहं फैसले

उत्तराखण्ड

देहरादून। राज्य कैबिनेट की बैठक में जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत पैकेज को लेकर कई फैसले लिए गए। 45 करोड़ की आर्थिक सहायता को कैबिनेट ने जारी करने की दी मंजूरी दी है। 05 जगहों को पुनर्वास के लिए चिन्हित किया गया है। आपदा प्रभावित परिवारों के लिए किराया की दर चार हजार रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये किया गया है। कैबिनेट की बैठक में मौजूद मंत्रियों ने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला लिया है। जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए मंत्री एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे। राहत शिविरों में रह रहे लोगों को 450 रुपये खाने के एक दिन के लिए दिए जाएंगे। यदि कोई राहत शिविर के बजाय खुद से खाना बनाता है तो उसे भी एक दिन के एक व्यक्ति के 450 रुपये खाने का दिया जाएगा। विस्थापन के लिए 15 हजार रुपये प्रति पशु दिए जाएंगे। बड़े पशुआंे के लिए चार 80 रुपये और छोटे पशुओं के लिए 40 रुपये दिए जाएंगे। नवंबर महीने से 6 महीने के लिए बिजली और पानी के बिल माफ करने का निर्णय लिया गया है। सहकारी बैंक से लिए गए लोन को अगले एक साल तक न भरने की छूट वाणिज्यक व सरकारी बैंक की किस्त पर एक साल तक रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा।

राज्य में नियमित पुलिस व्यवस्था व्यवस्था लागू करने का निर्णय
देहरादून। राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कतिपय भागों में विद्यमान राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर नियमित पुलिस व्यवस्था स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इस सम्बन्ध में राज्य के सामरिक, पर्यटन एवं आपराधिक गतिविधियों वाले स्थानों पर 06 नये थाने एवं 20 रिपोर्टिंग पुलिस चैकियों का गठन करते हुए कुल 1444 ग्रामों को अधिसूचित किया गया है। जिसमें देहरादून की 01 चैकी के कुल 14 गांव, पौड़ी के 01 थाना व 01 चैकी कुल 270 गांव, टिहरी के 01 थाना व 03 चैकी के कुल 267 गांव, चमोली के 01 थाना व 03 चैकी के कुल 120 गांव, रूद्रप्रयाग के 02 चैकी के कुल 104 गांव, उत्तरकाशी के 02 चैकी के कुल 47 गांव, नैनीताल  के 01 थाना व 04 चैकी के कुल 121 गांव, अल्मोड़ा के 02 थाना व 03 चैकी के कुल 398 गांव तथा चम्पावत के 01 चैकी के कुल 103 गांव हैं। इन क्षेत्रों में नवीन थाने एवं पुलिस चैकियां स्थापित होने से अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों में कमी आयेगी और नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ने से पर्यटन एवं व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उक्त विषय पर राज्य सरकार पर्यटन गतिविधि, संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए चरणबद्ध रूप में कार्यवाही कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर कानून व्यवस्था के दृष्टिगत वर्तमान पुलिस राजस्व व्यवस्था के स्थान पर नियमित पुलिस व्यवस्था का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश के साथ देवभूमि भी है प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु प्रदेश में आते हैं, इस दृष्टि से भी राज्य की कानून व्यवस्था का बेहतर होना जरूरी है।

जोशीमठ के लोगों की जानमाल की सुरक्षा ही इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकताः सीएम  
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम चरणबद्ध ढ़ंग से आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव पहुंचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जोशीमठ के लोगों की जानमाल की सुरक्षा ही इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है। प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है। भूवैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र के लोगों के हित में राज्य कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों को प्रभावितों के व्यापक हित में बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। प्रभावितों के हित में उनकी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जायेगी यह पूरे देश के लिए नजीर बने।

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