स्पेस रिसर्च के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, मौसम और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा सकतेः राज्यपाल
देहरादून/नई दिल्ली। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को नई दिल्ली में सेटकोम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एसआईए) द्वारा आयोजित इंडियन स्पेस काँग्रेस के ‘‘सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए अंतरिक्ष की पुनर्कल्पना’’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि भारत ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनेकों होनहार वैज्ञानिकों को जन्म दिया है और निरंतर इस क्षेत्र में प्रगति की है, और ऐसे आयोजनों के माध्यम से युवा एवं लगनशील वैज्ञानिकों के लिए नए अवसरों के द्वार भी खुलते हैं। उन्होंने कहा कि स्पेस रिसर्च के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, मौसम और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा सकते हैं जो वर्तमान में गतिमान हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे लिए अंतरिक्ष अन्वेषण, उपग्रह प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक उत्कृष्टता में हमारी उपलब्धियों को उजागर करने का स्थान है। यह ज्ञान को आदान-प्रदान करने, सहयोग बनाने और नए विचारों को जगाने के लिए विविध विषयों के प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और दूरदर्शी लोगों को एक साथ लाता है जो अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य को परिभाषित करेगा। राज्यपाल ने इस कार्यक्रम में सहयोग कर रही भारतीय अंतरिक्ष संस्था इसरो को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में इसरो का योगदान अभूतपूर्व होने के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए एक नजीर है। उन्होंने कहा कि भारत के मंगलयान और चंद्रयान मिशन विश्व की सभी अंतरिक्ष संस्थाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं।
राज्यपाल ने कहा कि सतत विकास आज के समय की जरूरत है। सतत विकास विभिन्न सीमाओं से परे जाकर मानव विकास, मूल्यों और संस्कृतियों में अंतर को दूर कर एक साथ सभी के विकास के लिए कार्य करता है। कई मौकों पर प्रधानमंत्री जी ने भी दुनिया के सामने एक शब्द का प्रस्ताव रखा है, और वह है स्प्थ्म् जिसका अर्थ है लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट। आज हम सभी को एक साथ आकर लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट को एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक आपदा हेतु संवेदनशील राज्य है, और टेक्नोलॉजी के माध्यम से ना सिर्फ आपदा को रोकने अपितु राहत कार्यों में भी बहुत सफलता मिलती है। टेक्नोलॉजी के माध्यम से जान माल की हानि को रोका जा सकता है, साथ ही सही समय पर सही जानकारी के माध्यम से समय की बचत भी होती है। उन्होंने कहा हम उत्तराखण्ड में इन्हीं प्रयोगों के माध्यम से लोगों की सहायता कर रहे हैं। राज्यपाल ने इंडियन स्पेस कांग्रेस के सभी घटकों को उत्तराखण्ड में आकर कार्य करने का न्योता भी दिया। इस अवसर पर सीएमडी अनंत टेक्नोलॉजीज एवं अध्यक्ष एसआईए-इंडिया डॉ. सुब्बा राव पावुलुरी, सीएमडी एनएसआईएलराधाकृष्णन दुरईराज, नीदरलैंड अंतरिक्ष कार्यालय प्रमुख थॉमस ब्लीकर, सचिव कृषि और किसान कल्याण मनोज आहूजा, सदस्य नीति आयोग डॉ. वीके सारस्वत, महानिदेशक एसआईए-इंडिया अनिल प्रकाश आदि उपस्थित थे।