चमोली। भारी बारिश के बाद गोचर के कमेड़ा में हाईवे करीब 20 मीटर तक ध्वस्त हो गया है। राजमार्ग पर भारी मात्रा में हाईवे पर मलबा आ गया है। इसके अलावा छिनका में भी पहाड़ी से मलबा और पत्थर आने से हाईवे बाधित है। जिससे आवाजाही प्रभावित हो रही है।
हाईवे बंद होने पर जगह-जगह 1000 से अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। स्थानीय लोगों को भी आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी डाबरकोट पर लगातार बोल्डर और मलबा आने के कारण पिछले तीन दिनों से बंद है।
यमुनोत्री धाम सहित गीठ पट्टी के कई गांव का सम्पर्क कट गया है। हाईवे बंद होने के कारण करीब 300 यात्री स्यानाचट्टी से लेकर जानकीचट्टी के बीच में फंसे हैं। प्रशासन का कहना सबको सुरक्षित स्थानों पर रुकवाया गया है।
रविवार रात हुई भारी बारिश से चमोली जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे कमेड़ा के पास करीब 200 मीटर से अधिक भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहां पर 2011 में बनाई गई लाहे की पुलिया भी बह गई है। वहीं, कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे सिमलसैंण, बैनोलीबैंड, हरमनी, मल्यापौड़ में मलबा आने से बंद है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे मलबा आने से उमट्टा के पास बंद हो गया है। उमट्टा में सड़क बंद होने से कर्णप्रयाग, गौचर व सिमली क्षेत्र से आने वाले स्कूली बच्चे एसजीआरआर जयकंडी नहीं जा सके।इन दोनों राजमार्गों पर कई वाहन फंसे हैं। साथ ही बारिश से गौचर में हवाई पट्टी के आसपास के घरों में पानी भर गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश सड़कें बंद हो गई है।कर्णप्रयाग बाजार में मलबा व कीचड़ आने से वाहनों और पैदल आवाजाही करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, गैरसैंण के पास कालीमाटी में कर्णप्रयाग-रानीखेत हाईवे अभी तक नहीं खुल पाया है।