माला राज्य लक्ष्मी शाह ने लगाई जीत की हैट्रिक

उत्तराखण्ड

देहरादून। टिहरी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह चुनाव में 462603 मत हासिल कर जीत की हैट्रिक लगाकर चैथी बार संसद पहुंचेंगी। भाजपा ने महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए इस बार भी टिहरी सीट से माला राज्य लक्ष्मी शाह को टिकट दिया। रानी 2012 से इस सीट पर लगातार जीत हासिल कर रही हैं। इस बार भी उन्होंने 2.68 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतीं। माला राज्य लक्ष्मी शाह को राजनीति विरासत में मिली। माला राज्य लक्ष्मी 2012 में सक्रिय राजनीति में आईं और पहली बार उपचुनाव जीता। 2019 के लोस चुनाव में रानी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह को पराजित किया।
1951 से 1990 तक टिहरी संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा। एक बार निर्दलीय और एक बार बीएलडी प्रत्याशी ने चुनाव जीता। राजा मानवेंद्र शाह के भाजपा में आने के बाद 2009 के चुनाव को छोड़ इस सीट पर भाजपा काबिज है। 2009 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विजय बहुगुणा चुनाव जीते। रानी ने चैथी जीत हासिल कर राज परिवार का वर्चस्व बरकरार रखा। कांग्रेस ने राज परिवार का तिलिस्म तोड़ने के लिए राजा और प्रजा के मुद्दे पर समर्थन जुटाने का प्रयास किया। टिहरी लोकसभा सीट में 14 विधानसभा सीटें शामिल हैं। टिहरी, उत्तरकाशी जिले के अलावा देहरादून जिले के एक बड़े हिस्से से मिलकर बनीं हैं। देहरादून जिले की चकराता, कैंट और मसूरी, रायपुर, राजपुर रोड, सहसपुर, विकासनगर सीट, टिहरी जिले की टिहरी, धनौल्टी, घनसाली, प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री, यमुनोत्री और पुरोला विधानसभा सीट इसमें शामिल हैं।
टिहरी लोकसभा सीट पर स्वतंत्रता के बाद अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में 11 बार राजशाही परिवार का कब्जा रहा। 1952 में पहली बार में इस सीट पर राज परिवार की कमलेंदुमति शाह निर्दलीय चुनाव जीती थीं। उनके बाद कांग्रेस से मानवेंद्र शाह ने 1957, 1962 और 1967 के लोकसभा चुनावों में विजयी रहे। 1991 से 2004 तक हुए पांच आम चुनावों में मानवेंद्र शाह भाजपा से लगातार चुनाव जीते। इस सीट पर आठ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी राजशाही परिवार के मानवेंद्र शाह के नाम है। 2012 में टिहरी लोस सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार माला राज्यलक्ष्मी भाजपा से उम्मीदवार बनाई गईं और निर्वाचित हुईं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें 2014 और फिर 2019 में उम्मीदवार बनाया। दोनों चुनाव में वह विजयी रहीं।
इस सीट पर सर्वाधिक 62.86 फीसदी मतदाता देहरादून जिले में थे। इसके बाद टिहरी जनपद में 21.69 फीसदी और उत्तरकाशी जनपद में 15.42 फीसदी मतदाता रहे।

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