रामनगर में वन भूमि से बेदखली का नोटिस मिलने पर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

उत्तराखण्ड

रामनगर। नैनीताल जिले के रामनगर के पुछड़ी, नई बस्ती, कालू सिद्ध आदि क्षेत्र के ग्रामीणों को हटाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिसे लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने रामनगर तराई पश्चिम और तहसील परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही चक्का जाम और आमरण अनशन की चेतावनी भी दी। वन ग्राम विकास संघर्ष समिति रामनगर के बैनर तले सैकड़ों ग्रामीणों ने सरकार और वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। वन ग्राम पुछड़ी, नई बस्ती, कालू सिद्ध के सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि वो इस जमीन पर सालों से बसे हुए हैं। उन्हें 50 सालों से भी ज्यादा का समय हो चुका है। उनके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, बिजली-पानी के दस्तावेज सब कुछ है, लेकिन वन विभाग की ओर से उन्हें उजाड़ने का काम किया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि वन भूमि पर बसे वन ग्रामों का विनियमितीकरण विस्थापन नीति निर्धारण के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाए। साथ ही ग्राम पुछड़ी, नई बस्ती, कालू सिद्ध का नियमितीकरण किया जाए। ऐसा संभव न होने की स्थिति में विस्थापन या पुनर्वास किया जाए। ग्रामीणों ने मांगे पूरी न होने पर आमरण अनशन और चक्का जाम करने की चेतावनी दी है। उन्होंने साफतौर पर कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित विभाग और सरकार की होगी।
मामले में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य का कहना है कि वन विभाग की ओर से वन भूमि पर अतिक्रमण करने वाले 151 परिवारों को बेदखली का नोटिस भेज दिया गया है। इसके अलावा 150 परिवार और हैं, जिन्हें भी नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। वन भूमि पर अतिक्रमण करने वाले परिवारों के यहां बिजली और पानी का कनेक्शन दिए जाने के मामले में भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्राचार किया गया है। ऐसे परिवारों के कनेक्शन काटने को कहा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज दिए गए ज्ञापन को उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। मामले में जैसा भी आदेश होगा, वैसा ही काम आगे किया जाएगा।

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