“हरिद्वार में 100 एमबीबीएस सीटों के लिए नए सरकारी मेडिकल कॉलेज की मंजूरी”

उत्तराखण्ड
  • केंद्र सरकार ने हरिद्वार में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 100 एमबीबीएस सीटों की स्वीकृति दी
  • स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने बताया – “राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में होगा महत्वपूर्ण विस्तार”

देहरादून। उत्तराखंड के हरिद्वार में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना को केंद्र सरकार द्वारा 100 एमबीबीएस सीटों के साथ स्वीकृति मिल गई है। यह मेडिकल कॉलेज प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को और सशक्त करेगा और राज्य की जनता को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने 2024-2025 शैक्षणिक सत्र के लिए 100 एमबीबीएस सीटों के साथ इस नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की पहली अपील में कॉलेज को कुछ खामियों के आधार पर अस्वीकृति मिली थी। हालांकि, दूसरी अपील में केंद्र सरकार ने इन खामियों की समीक्षा की और नए दस्तावेज़ों और प्रस्तुतियों के आधार पर मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार ने बताया कि कॉलेज में वर्तमान में 39 फैकल्टी सदस्य (13 प्रोफेसर, 7 एसोसिएट प्रोफेसर, 19 असिस्टेंट प्रोफेसर) और 26 सीनियर रेजिडेंट्स/ट्यूटर कार्यरत हैं। राज्य सरकार ने यह आश्वासन भी दिया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-2025 शुरू होने से पहले सभी आवश्यक फैकल्टी और बुनियादी ढांचे को पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही, अस्पताल में पहले से चल रही सेवाओं के साथ-साथ ओपीडी और अन्य चिकित्सा सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी, जिससे मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा।
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना से उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा सुधार होगा। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में बढ़ती सीटों के साथ, स्थानीय छात्रों को यहीं पर उच्चस्तरीय चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का भी विस्तार होगा।
इस पहल से हरिद्वार और इसके आसपास के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की पहुंच और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिससे क्षेत्र के निवासियों को समय पर और सटीक चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। राज्य सरकार इस मेडिकल कॉलेज के माध्यम से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।

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