अहमदाबाद। इस बार के गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा एक और नाम की चर्चा है और वह है पाटीदार समुदाय। पिछले कुछ वर्षों से गुजरात में पाटीदार आंदोलन की अगुवाई कर रहे हार्दिक पटेल इस बार के चुनाव का एक ऐसा चेहरा हैं जिन्हें किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञ मानते हैं कि गुजरात में बीजेपी की एकतरफा राजनीति के समीकरण को बदलने और चुनाव को चुनौतीपूर्ण बनाने में हार्दिक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है लेकिन पिछले दिनों एक के बाद एक उनकी कथित सेक्स सीडी जारी होने के चलते वह विवादों में हैं। पेश हैं उनसे की गयी वार्ता के कुछ अंश :
सवाल – सेक्स टेप के बारे में आपका क्या कहना है?
जवाब – वे सभी फर्जी सेक्स टेप थे जो मुझे अपमानित करने और आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की साजिश थी।
सवाल – फिर टेप में दिखाई दे रहा शख्स कौन है?
जवाब- यह मुझे कैसे पता होगा? मुझे इस मामले की जांच के लिए कम से कम 10 करोड़ रुपये चाहिए होंगे।
सवाल – लेकिन पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) का दावा है आपकी 22 सीडी के अलावा 52 दूसरे सेक्स टेप भी हैं।
जवाब- बीजेपी सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। गंदी राजनीति भारतीय राजनीति के इतिहास का हिस्सा रही है। मैं सेक्स टेप को लेकर बिल्कुल चिंतिंत नहीं हूं और न ही अब और टेप के रिलीज होने का मुझे डर है। अब वे क्या एक्सपोज करेंगे? सब कुछ खुली किताब है लेकिन उन्होंने इस समय सेक्स टेप को रिलीज करके बड़ी गलती की है। मैं उन्हें गंदे राजनेता के रूप में देखता हूं। उन्हें तो चुनाव से दो दिन पहले इसे जारी करना चाहिए था। इतनी पहले टेप जारी करना पागलपन से कम नहीं है।
सवाल- क्या आप कोई टेप रिलीज करेंगे?
जवाब- मुझे नहीं पता कि इस तरह के फर्जी टेप कैसे बनाए जाते हैं और न ही मैं इनमें इतने पैसे लगा सकता हूं। हां, अगर बीजेपी हमें पैसे देती है तो हम उनकी जरूरत और इच्छाओं के हिसाब से टेप बना सकते हैं।
सवाल- आपने कुछ आईएएस और आईपीएस अफसर पर भी आपको ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। कौन थे वे?
जवाब- हमारी कमिटी ने उनके नामों को जाहिर न करने का फैसला लिया है। साथ ही कुछ पुलिस इंस्पेक्टर भी प्रमोशन के नाम पर सरकार के लिए चीजें मैनेज कर रहे हैं।
सवाल- क्या ये वही लोग हैं जिन्होंने आपको गिरफ्तार किया था या फिर सुरक्षा एजेंसी से हैं ?
जवाब- नहीं जिन्होंने मुझे गिरफ्तार किया था ये वे लोग नहीं है। मुझे यह भी नहीं पता कि वे एजेंसी से हैं या नहीं। मैं बस इतना जानता हूं कि वह अपनी जॉब करने के लिए बाध्य हैं और मैं अपनी।
सवाल- क्या आप कभी भी उन अधिकारियों का नाम जाहिर नहीं करेंगे जबकि आपका संगठन सबूत होने का दावा भी करता है?
जवाब- जब समय आएगा हम तब नाम बताएंगे। हम जल्दीबाजी में कोई काम नहीं करेंगे। अब हम चतुर राजनेता बन चुके हैं इसलिए वेट ऐंड वॉच।