देहरादून। ठगों के झांसे में कम पढ़े-लिखे लोग ही नहीं बल्कि उच्चशिक्षित और हाईप्रोफाइल शख्सियतें भी आ रही हैं। ताजा मामले में ठगों ने बीमा पॉलिसी को पुनर्जीवित करने के नाम पर मुख्यमंत्री के प्रमुख निजी सचिव से पांच लाख रुपये की ठगी कर ली। मामले की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से की गई, जहां मामले में धोखाधड़ी और आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर प्रकरण को विवेचना के लिए कोतवाली पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है।
प्रकाश चंद्र उपाध्याय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रमुख निजी सचिव हैं। पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक कुछ साल पहले उन्होंने एक निजी बीमा कंपनी से पॉलिसी ली थी। बाद के दिनों में तकनीकी कारणों से पॉलिसी मृत हो गई। बीते अप्रैल माह में उनके पास प्रेम मल्होत्रा नामक शख्स का फोन आया। उसने उनकी मृत बीमा पॉलिसी को पुनर्जीवित कराने की बात की और आश्वासन दिया कि कंपनी में जमा उनके पैसे भी वापस दिला देगा। इसके बाद उन्हें झांसे में लेने के लिए अन्य चार लोगों के भी फोन आए। विश्वास होने के बाद उनसे बैलेंस प्रीमियम राशि की मांग की जाने लगी।
प्रकाश चंद्र उपाध्याय के मुताबिक बीते 27 सितंबर तक उन्होंने प्रेम मल्होत्रा के बताए अलग-अलग बैंक खातों में 5.13 लाख रुपये जमा कर दिए। इसके बाद भी जब उन्हें बीमा की रकम वापस नहीं मिली तो उन्होंने प्रेम के नंबर पर फोन किया। तब उन्हें बताया गया कि उनकी पॉलिसी के 2.41 लाख रुपये का ड्राफ्ट उनके पते पर भेज दिया गया है, कुछ समय बाद बताया गया कि यह ड्राफ्ट गलती से दिल्ली के किसी प्रकाश उपाध्याय के पास पहुंच गया है।
इसके बाद उन्हें दोबारा ड्राफ्ट भेजने का आश्वासन दिया गया, लेकिन ड्राफ्ट आज तक प्रकाश चंद्र उपाध्याय को नहीं मिला। इस मामले में शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने प्रेम मल्होत्रा, नितिन यादव, जसवंत, आरके त्यागी और मुरलीधरन नाम के शख्स के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है। कोतवाल बीबीडी जुयाल ने बताया कि मामला साइबर पुलिस स्टेशन से ट्रांसफर होकर आया है। जिसकी विवेचना शुरू कर दी गई है।