आस्था और तकनीक का संगम: श्री बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा बना डिजिटल सफलता की मिसाल

दिल्ली

कांगड़ा– हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित प्राचीन श्री बज्रेश्वरी मंदिर ने डिजिटल माध्यम को अपनाते हुए भक्तों से अपने जुड़ाव को एक नई दिशा दी। श्री मंदिर ऐप के साथ सहयोग के बाद मंदिर ने न केवल अपनी पहुँच का विस्तार किया, बल्कि देश और विदेश में बसे श्रद्धालुओं को माता बज्रेश्वरी के दर्शन का सुलभ माध्यम भी प्रदान किया।
श्री मंदिर प्लेटफॉर्म से जुड़ने से पहले जहाँ प्रति माह लगभग 6 हज़ार श्रद्धालु ही मंदिर में पूजा और दर्शन के लिए पहुँच पाते थे, वहीं डिजिटल जुड़ाव के बाद यह संख्या बढ़कर लगभग 50 हज़ार तक पहुँच गई। इनमें से लगभग 30 प्रतिशत श्रद्धालु प्रवासी भारतीय रहे, जो श्री मंदिर ऐप के माध्यम से सीधे माता बज्रेश्वरी से जुड़े और अपनी आस्था अर्पित कर पाए। श्री बज्रेश्वरी मंदिर मुख्य रूप से विशेष पूजाओं, हवन और आस्था से जुड़े अनुष्ठानों के लिए जाना जाता रहा है। ऑनलाइन दर्शन की सुविधा आरंभ होने के बाद उन भक्तों को विशेष लाभ मिला, जो दूरी, समय या अन्य कारणों से मंदिर तक नहीं आ पाते थे।
बता दें कि, श्री मंदिर ऐप हिन्दुओं कि आस्था का एक ऐसा ऐप है, जहाँ श्रद्धालु विश्व के किसी भी कोने से भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में पूजा और चढ़ावा जैसी सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। श्री मंदिर ऐप, मंदिरों को अपने भक्तों से डिजिटली जोड़ने में सहायता करता है जिससे मंदिर आर्थिक रूप से सशक्त बनते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी फलती फूलती है।
इस डिजिटल पहल ने मंदिर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह डिजिटल पहल कांगड़ा डिवीजन के उपायुक्त श्री हेमराज बैरवा, आईएएस के निरीक्षण में कुछ माह पूर्व आरंभ की गई थी। इसके अंतर्गत ऑनलाइन दर्शन और प्रसाद सेवा को चरणबद्ध रूप से लागू किया गया, जिससे देश-विदेश में बैठे भक्तों को उल्लेखनीय लाभ प्राप्त हुआ और बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता बज्रेश्वरी से सहज रूप से जुड़ सके।
ऑनलाइन दर्शन के साथ-साथ भक्तों को प्रसाद की होम डिलीवरी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई, जिससे श्रद्धालुओं को माता का प्रसाद सीधे उनके घर तक प्राप्त हुआ। इस सुविधा ने भक्तों के आध्यात्मिक अनुभव को और अधिक पूर्ण बनाया और मंदिर से उनके भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत किया।
कांगड़ा डिवीजन के उपायुक्त श्री हेमराज बैरवा, आईएएस ने कहा, “श्री बज्रेश्वरी मंदिर, कांगड़ा द्वारा डिजिटल माध्यम को अपनाना आस्था और प्रशासनिक दृष्टि से एक सराहनीय कदम रहा। श्री मंदिर ऐप के माध्यम से ऑनलाइन चढ़ावा, दर्शन और प्रसाद सेवा से मंदिर ने न केवल देश-विदेश के श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान की, बल्कि कांगड़ा की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को भी वैश्विक स्तर पर सशक्त किया। यह पहल दर्शाती रही कि तकनीक के माध्यम से पारंपरिक धार्मिक स्थलों को संरक्षित रखते हुए उन्हें आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसे प्रयास स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत तीनों के लिए सकारात्मक सिद्ध हुए।”

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