देहरादून। ग्लूकोमा यानि काला मोतिया नामक बीमारी से जन सामान्य को जागरूक बनाने के लिये विश्व ग्लूकोमा सप्ताह 11 मार्च से 17 मार्च 2018 तक मनाया जा रहा है जिसमें पूरे सप्ताह विभिन्न माध्यमों से लोगों को इस बीमारी से जागरूक व आगाह किया जायेगा। इस सप्ताह की शुरूआत दून मेडिकल काॅलेज अस्पताल ने ग्लूकोमा वाॅक से की जिसमें करीब 400 लोगों ने भाग लिया, जिसमें लगभग 350 डाॅक्टर शामिल थे।
ग्लूकोमा से अंधापान होने की प्रबल संभावना होती है व डाॅ0 सुशील ओझा के अनुसार यह बीमारी के लक्षण काफी देर से दिखने शुरू होते हैं और तब तक इसका उपचार करना बहुत जटिल हो जाता है। ग्लूकोमा से अंधेपन को रोकना तभी संभव है यदि इस बीमारी का शुरूआती समय में ही उपचार हो जाये। यही कारण है कि डाॅक्टर नियमित रूप से आंखों की जांच कराने पर बल देते हैं ताकि ग्लूकोमा जैसी घातक बीमारियों की शुरूआती दौर में ही जांच व रोकथाम हो सके। डाॅ0 ओझा के अनुसार गत एक वर्ष में ही 70 मरीजों की ग्लूकोमा सर्जरी की गई जबकि 700 मरीजों का ग्लूकोमा रोकने के लिये उपचार चल रहा है। डाॅ0 पी0बी0 गुप्ता ने बताया कि दून मेडिकल काॅलेज में ग्लूकोमा की जांच के लिये व सर्जरी के लिये सभी आवश्यक उपकरण मौजूद हैं, वहीं डाॅ0 के0के0 टम्टा ने बताया कि दून मेडिकल अस्तपाल में कुशलता से इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है व अस्पताल आम आदमी की आकांक्षाओं पर खरा उतर रहा है। साथ ही डाॅ0 आशुतोष सयाना ने अधिक से अधिक लोगों तक इस बीमारी से सम्बन्धित सभी जरूरी जानकारी पहुंचाये जाने को व 40 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों द्वारा नियमित रूप से इसकी जांच कराये जाने को प्राथमिकता दी।
यह ग्लूकोमा जागरूकता वाॅक आज सुबह 9 बजे दून मेडिकल काॅलेज से सहारनपुर रोड, भंडारी बाग तक पहुंची व वहां से वापस दून मेडिकल काॅलेज पहुंच कर इसका समापन हुआ।