दिल्ली /देहरादून। गुरूवार को नई दिल्ली विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद की उपस्थिति में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी एवं केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर द्वारा उत्तराखण्ड कोSpecial Mention Certificate for Film Friendly Environment पुरस्कार प्रदान किया गया है। राज्य सरकार की ओर से यह पुरस्कार सचिव/महानिदेशक सूचना डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा प्राप्त किया गया है। सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा The Most Film Friendly State Award के अन्तर्गत इस बार उत्तराखण्ड राज्य का भी चयन किया गया है। इस अवसर पर नोडल अधिकारी उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद श्री के.एस.चैहान भी उपस्थित थे।
सचिव/महानिदेशक सूचना तथा उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार मिलने से प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। देश-विदेश के फिल्म निर्माता राज्य में अधिक से अधिक संख्या में आयेंगे। डाॅ.पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष भी है और उनके मार्गदर्शन में प्रदेश की फिल्म नीति को और अधिक आकर्षक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र की स्पष्ट सोच है कि राज्य में फिल्म निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जाय, राज्य में अधिक से अधिक फिल्म निर्माता आये, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े। डाॅ.पाण्डेय ने बताया कि परिषद के माध्यम से फिल्म निर्माताओं को अधिक से अधिक सुविधा मिले, इसके लिए पूरे प्रयास किये गये है। मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में प्रदेश में निर्मित होने वाली फिल्मों की शूटिंग में शुल्क को समाप्त किया गया है। इससे प्रदेश में फिल्मांकन के प्रति फिल्म निर्माताओं एवं निर्देशकों का रूझान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद इस दिशा में आगे बढ़ रही है। एफ.टी.आई. पुणे के सहयोग से परिषद द्वारा आगामी जून एवं जुलाई 2018 में स्थानीय युवाओं के लिए आकर्षक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू कराये जा रहे है।
डाॅ.पाण्डेय ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार राज्य में फिल्मों की शूटिंगों के लिए निर्माता/निर्देशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के प्रयासों के लिए दिया गया है। उत्तराखण्ड नया राज्य होने के साथ ही यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र भी है। राज्य में कई भोगौलिक चुनौतियां के बावजूद भी उत्तराखण्ड राज्य सरकार द्वारा किये गये सकारात्मक प्रयासों की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर की गई है। प्रतिवर्ष दिये जाने वाले इस पुरस्कार के लिए सभी राज्यों से आवेदन आमंत्रित किये जाते है। जिसके बाद पुरस्कार चयन हेतु गठित समिति द्वारा पुरस्कार के लिए राज्यों का चयन किया जाता है। डाॅ.पाण्डेय ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के इस पुरस्कार के लिए उत्तराखण्ड राज्य का चयन हम सभी के लिए गौरव की बात है। परिषद का गठन वर्ष 2015 में ही हुआ है और अपने इस अल्प कार्यकाल में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखण्ड राज्य का इस पुरस्कार के लिए चयन हुआ है।
डाॅ.पाण्डेय ने बताया कि वर्ष 2015 से अब तक लगभग 100 से अधिक फिल्म निर्माताओं द्वारा फीचर फिल्म, टी.वी.सीरियल, डाक्यूमेंट्री, वीडियो एलबम आदि की शूटिंग राज्य में की गई है, जिन्हें उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद द्वारा सिंगल विडों के माध्यम से 07 दिन से भी कम समय के भीतर शूटिंग हेतु अनुमति प्रदान की गई है। इनमें कई बड़े बैनरों की भी कई फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में की गई है। जिसमें अजय देवगन प्रोडक्शन द्वारा निर्मित हिन्दी फिल्म ‘‘शिवाय’’, तिग्मांशु धूलिया निर्देशित राग देश, तेलगु फिल्म ‘‘ब्रहमोत्सवम’’, हिन्दी फिल्म ‘‘शुभ मंगल सावधान’’, सोनी टी.वी. पर प्रसारित सीरियल ‘‘बडे भैय्या की दुलहनिया, जी.टी.वी. पर प्रसारित धारावाहिक ‘‘पिया अलबेला’’, एम.टी.वी. पर प्रसारित होने वाला रियलिटी शो splitsvilla session 10, टी.सी. धारावाहिक बेपनाह, मराठी फिल्म ‘‘फुर्र’’’ हिन्दी फिल्म ‘‘बत्ती गुल मीटर चालू’’ तथा हिन्दी फिल्म ‘‘स्टूडेंट आॅफ द ईयर-2’’, अभिनेता जाॅन इब्राहिम द्वारा निर्मित फिल्म ‘‘परमाणु’’, टोटल धमाल, ‘‘रायफलमैन जसबंत सिंह रावत’’ के साथ ही उत्तराखण्ड क्षेत्रीय बोली की फिल्म ‘‘गोपी-भिना, भुली ए भुली, बद्री द क्लाउड, मेजर निराला आदि प्रमुख फिल्में और धारावाहिक की शूटिंग राज्य में हुई है।