नैनीताल-
नैनीझील जहां पर्यटकों का आकर्षण का केन्द्र है वहीं देवभूमि उत्तराखण्ड की आन,बान,शान के रूप में विश्व पटल पर देखी व सराही जाती है। झील के आकर्षण और सौन्दर्य से अभीभूत होकर देश विदेश के लाखों सैलानी प्रतिवर्ष नैनीताल आते हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षो से कम वर्षा अनावश्यक झील से पानी के दोहन व कूड़े कचरे की वजह से नैनीझील का स्तर गिरता जा रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो झील का अस्तित्व संकट में आ जायेगा। झील के संरक्षण एवं पानी के स्तर को बनाये रखने के लिये प्रदेश सरकार एवं प्रशासन द्वारा जनसहयोग से कार्यवाही की जा रही है। यह विचार आयुक्त कुमायूॅ मण्डल श्री राजीव रौतेला ने शुक्रवार को सूखाताल में अधिकारियों के साथ निरीक्षण के दौरान व्यक्त किये।
श्री रौतेला ने कहा कि सूखाताल में भण्डारित होने वाला जल नैनीझील को सिंचित करते हुये निरन्तर जलापूर्ति करता रहा है। उन्होंने कहा कि नैनीझील में वर्षाकाल में इधर-उधर बहने वाले जल समूह को नैनीझील में डायवर्ट करने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सभी का उद्देश्य होना चाहिये कि बरबाद होने वाले वर्षाजल को नैनीझील तक पहुॅचायें ताकि झील लबालब भरी रहे और इसका स्तर कम ना हो। उन्होंने बताया कि नैनीझील ही शहर की आवादी को पेयजल उपलब्ध कराती है। झील का स्तर कम ना हो इसलिये जिलाधिकारी नैनीताल की पहल पर इस झील से केवल आवश्यकतानुसार जल निकाला जा रहा है, पानी को रोस्टिंग की जा रही है। झील में आने वाले तमाम नालों की सफाई कार्य किया जा रहा है इससे झील का स्तर विगत वर्षो की अपेक्षा वर्तमान में संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि सूखाताल में वर्षाकाल के जल को संग्रहण करने के लिये लगभग तीन मीटर खुदाई कर पानी को संकलित किया जायेगा जिससे नैनीझील रिचार्ज होगी।
आयुक्त ने कहा कि सूखाताल से अक्रिमण हटाने तथा नये अतिक्रमण को रोकने के लिये झील विकास प्राधिकरण रणनीति तैयार कर रहा है इसके लिये प्राधिकरण को वीडियो रिकाॅर्डिंग करते हुये दस्तावेज तैयार करने को कहा गया है।
निरीक्षण के दौरान सचिव झील विकास प्राधिकरण एवं अपर जिलाधिकारी हरबीर सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण चन्दन सिंह नेगी, पर्यावरणविद डा0 अजय रावत, सहायक अभियंता सिंचाई एमएम जोशी, अधीक्षण अभियंता सिंचाई एनएस पतलिया, गोपाल सिंह रावत के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।